टीम इंडिया को वर्ल्‍ड चैंपियन बनाने वाले कोच ने डी गुकेश को 18 की उम्र में कैसे बनाया शतरंज का नया बादशाह? जानें पर्दे के पीछे की पूरी कहानी

डी गुकेश डिंग लिरेन को हराकर वर्ल्‍ड चेस चैंपियन बन गए हैं. वो दुनिया के सबसे युवा वर्ल्‍ड चेस चैंपियन हैं.

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किरण सिंह

जीत के बाद डी गुकेश

जीत के बाद डी गुकेश

Highlights:

डी गुकेश बने सबसे युवा वर्ल्‍ड चेस चैंपियन

गुकेश 18 की उम्र में बने वर्ल्‍ड चैंपियन

डिंग लिरेन को हराकर जीता खिताब

डी गुकेश शतरंज के नए शहंशाह बन गए हैं. वो दुनिया के सबसे युवा वर्ल्‍ड चैंपियन भी बन गए हैं. उन्‍होंने 18 साल की उम्र में ये उपलब्धि हासिल की. गुकेश ने डिफेंडिंग चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर इतिहास रचा.गुकेश को शतरंज का नया शहंशाह बनाने के पीछे टीम इंडिया को वर्ल्‍ड चैंपियन बनाने वाले शख्‍स का हाथ है. पैडी अप्‍टन वो शख्‍स हैं, जिन्‍होंने टीम इंडिया को भी वर्ल्‍ड चैंपियन बनाया और गुकेश को भी.

साउथ अफ्रीका के अप्‍टन 2011 में एमएस धोनी की कप्‍तानी में वनडे वर्ल्‍ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के साथ काम कर चुके हैं. इतना ही नहीं, अप्‍टन इस साल पेरिस ओलिंपिक में ब्रॉन्‍ज जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के साथ भी थे. गुकेश से भी वो वर्ल्‍ड चेस चैंपियनशिप से तीन पहले जुड़े थे और इन तीन महीनों ने उन्‍होंने भारतीय ग्रैंडमास्‍टर को वर्ल्‍ड चैंपियन बनाने के लिए पूरी ताकत लगा दी. अप्‍टन मेंटल एंड कंडीशनिंग कोच हैं. उन्‍होंने गुकेश को बड़े मैच से पहले मानसिक रूप से काफी तैयार किया. उन्‍हें हर दबाव से निपटने के लिए तैयार किया. उनकी मेहनत का ही परिणाम था कि लिरेन के खिलाफ पहली बाजी हारने के बावजूद वो वर्ल्‍ड चैंपियन बनने के कामयाब रहे.

गुकेश और अप्‍टन का कमाल

गुकेश के वर्ल्‍ड चेस चैंपियन के सफर में अक्‍टूबर में अप्‍टन शामिल हुए थे. वो चेस ओलिंपियाड के दौरान गुकेश से जुड़े. गुकेश ने भी बताया था कि उन्‍होंने अप्‍टन के साथ काम काफी एंजॉय किया.वहीं अप्‍टन ने गुकेश को लेकर एक इंटरव्‍यू में कहा कि पूरे टूर्नामेंट में गुकेश ने खुद को जिस तरह से संभाला, उस पर गर्व होना चाहिए. 

कौन हैं पैडी अप्‍टन? 

साउथ अफ्रीका के रहने वाले पैडी अप्‍टन भारतीय खेल की दुनिया में एक बड़ा नाम है. वो प्‍लेयर्स की मेंटल कंडिशनिंग के लिए जाने जाते हैं. वो प्‍लयर्स को हर चुनौती का सामना करने के लिए मानसिक तौर पर तैयार करते हैं. साल 2011 में धोनी की कप्‍तानी में जब टीम इंडिया ने वनडे वर्ल्‍ड कप जीता था तो अप्‍टन उस टीम के मेंटल कंडिशनिंग कोच थे. धोनी की सेना ने भी अप्‍टन के रोल को अहम बताया था. गुकेश और लिरेन के बीच हुए मुकाबले की बात करें तो 13 बाजी तक दोनों के बीच स्‍कोर बराबर था. काले मोहरों से खेलते हुए 14वीं और आखिरी बाजी जीतकर गुकेश ने खिताब अपने नाम किया. 

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