जंतर-मंतर पर धरना समाप्त होने के बाद भी कुश्ती के खेल में मैदान के बाहर खिलाड़ियों के बीच अब जुबानी दंगल जारी है. भारतीय ओलिंपिक संघ के एड हॉक पैनल ने छह आंदोलनकारी पहलवानों को एशियन गेम्स 2023 और वर्ल्ड चैंपियनशिप के सेलेक्शन को लेकर बड़ी राहत दी है. जिसमें विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, संगीता फोगाट, सत्यव्रत कादियान और जितेंद्र किन्हा को क्वालिफाई करने के लिए सिर्फ एक ट्रायल मैच खेलना होगा. वहीं बाकी पहलवानों को सभी मुकाबले खेलने होंगे. इस पर पूर्व ओलिंपिक पहलवान योगेश्वर दत्त ने इसे कुश्ती का जहां काला दिन बताया. वहीं विनेश फोगाट ने उनके बयान पर करारा जवाबा दिया है. विनेश ने कहा कि योगेश्वर दत्त की घटिया हंसी दिमाग में अटक गई.
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विनेश ने ट्विटर अपनी बात कहते हुए योगेश्वर दत्त को लंबा चौड़ा जवाब दिया है. विनेश ने कहा, "योगेश्वर दत्त का वीडियो सुना तो उसकी वह घटिया हंसी दिमाग़ में अटक गई. वह महिला पहलवानों के लिए बनी दोनों कमेटियों का हिस्सा था. जब कमेटी के सामने महिला पहलवान अपनी आपबीती बता रही थीं तो वह बहुत घटिया तरह से हंसने लगता. जब 2 महिला पहलवान पानी पीने के लिए बाहर आयीं तो बाहर आकर उनको कहने लगा कि कुछ ना हो ब्रजभूषण का. जाके अपनी प्रैक्टिस कर लयो.
एक दूसरी महिला पहलवान को बड़े भद्दे तरीक़े से बोला कि ये सब तो चलता रहता है इसको इतना बड़ा इशू मत बनाओ. कुछ चाहिए हो तो मुझे बताओ. कमेटी की बैठक के बाद योगेश्वर ने महिला पहलवानों के नाम ब्रजभूषण और मीडिया को लीक कर दिए. उसने कई महिला पहलवानों के घर फ़ोन करके यह भी कहा कि अपनी लड़की को समझा लो. वह पहले ही सरेआम महिला पहलवानों के ख़िलाफ़ बयान दे रहा था, उसके बावजूद उसे दोनों कमेटियों में रखा गया. वह पहलवानों और कोचों को महिला पहलवानों के आंदोलन में शामिल होने से लगातार रोकता रहा. सारा कुश्ती जगत समझ गया था कि योगेश्वर ब्रजभूषण की थाली का झूठा खा रहा है.
समाज में कोई भी अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाता है तो योगेश्वर ज़रूर उल्टियां करता है. पहले किसानों, जवानों, छात्रों, मुसलमानों, सिखों पर घटिया टिप्पणियां की और अब महिला पहलवानों को बदनाम करने में लगा हुआ है. समाज से ग़द्दारी के कारण ही दो बार चुनाव में औंधे मूंह गिरे हो तुम. और मैं चैलेंज करती हूं कि कभी ज़िंदगी में चुनाव नहीं जीतोगे, क्योंकि समाज ज़हरीले नाग से हमेशा सावधान रहता है और उसके कभी पैर नहीं लगने देता.
कुश्ती जगत को आपका ब्रजभूषण के तलवे चाटना हमेशा याद रहेगा. महिला पहलवानों को तोड़ने में इतना ज़ोर मत लगाओ, बहुत पक्के इरादे हैं इनके. ध्यान रखना कहीं ज्यादा जोर लगवाने से कमर न टूट जाए. रीढ़ तो पहले ही ब्रजभूषण के पैरों में रख चुके हो. तुम बहुत संवेदनहीन इंसान हो. ज़ालिम के हक़ में खड़े हो उसकी चापलूसी कर रहे हो. जब तक कुश्ती में योगेश्वर जैसे जयचंद रहेंगे, यकीनन जालिमों के हौंसले बुलंद रहेंगे.
योगेश्वर दत्त ने क्या कहा ?
ओलिंपिक मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त ने वीडियो जारी कहा कि क्या धरना देने वाले खिलाड़ियों का यही मकसद था? कुश्ती के लिए यह काला दिन!! उन्होंने वीडियो में कहा, 'मुझे नहीं पता है कि किस क्राइटेरिया के आधार पर एड हॉक कमिटी ने यह फैसला किया. अगर यह करना ही था तो रवि दहिया (ओलिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट), दीपक पूनिया (ओलिंपिक में चौथा स्थान), अंशु मलिक (वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल), सोनम मलिक समेत बहुत से पहलवान हैं जो इस देश में नंबर वन हैं. केवल इन छह पहलवानों को ही ट्रायल में छूट देना समझ से बाहर है. यह सरासर गलत है. ऐसा तो पहले वाली फेडरेशन ने भी नहीं किया. पहले कभी अगर ऐसा किया भी गया होगा तब नंबर वन टीम भेजी गई. जिन्होंने जिस समय अच्छा प्रदर्शन किया उस आधार पर टीम चुनी गई. ये छह पहलवान तो पिछले एक साल से मैट से दूर हैं.'
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