भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने अपने अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न सहित सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि खेल निकाय में मनमानेपन और कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है. उसने खेल मंत्रालय को भेजे अपने जवाब में ब्रज भूषण शरण सिंह को क्लीन चिट दी. साथ ही पहलवानों के प्रदर्शन को एक षड़यंत्र का हिस्सा बताया. विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया जैसे प्रसिद्ध पहलवानों के आरोप लगाने के बाद खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई से 72 घंटे के अंदर जवाब मांगा था.
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डब्ल्यूएफआई ने खेल मंत्रालय को अपने जवाब में कहा, ‘डब्ल्यूएफआई का प्रबंधन उसके संविधान के अनुसार एक निर्वाचित निकाय द्वारा किया जाता है, ऐसे में डब्ल्यूएफआई में अध्यक्ष सहित किसी एक द्वारा व्यक्तिगत रूप से मनमानी और कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है. डब्ल्यूएफआई ने विशेष रूप से, मौजूदा अध्यक्ष की देखरेख में हमेशा पहलवानों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए काम किया है.’ इसके पक्ष में फेडरेशन ने आयोजित कराए गए टूर्नामेंट्स की जानकारी भी दी. डब्ल्यूएफआई ने कहा, ‘डब्ल्यूएफआई ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती खेल की छवि को बढ़ाया है और इस मंत्रालय के रिकॉर्ड के लिए यह बताना जरूरी है कि यह डब्ल्यूएफआई के निष्पक्ष, सहायक, स्वच्छ और सख्त प्रबंधन के बिना यह संभव नहीं है.’
यौन उत्पीड़न के आरोपों पर क्या कहा
यौन उत्पीड़न के आरोपों पर कहा गया कि फेडरेशन में इस तरह के मामलों की जांच के लिए पहले से एक कमिटी बनी हुई है. इसे आज तक कोई शिकायत नहीं मिली. विरोध-प्रदर्शन में शामिल साक्षी मलिक भी इस कमिटी का हिस्सा हैं. डब्ल्यूएफआई ने आरोप लगाया, जिस तरीके से धरने पर बैठकर आरोप लगाए जा रहे हैं और प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है वह गहरे और बड़े षड़यंत्र का हिस्सा हैं.
डब्ल्यूएफआई ने दावा किया कि पहलवानों का यह प्रदर्शन किसी के इशारे पर हो रहा है और इसमें केवल एक ही राज्य (हरियाणा) के पहलवान हैं. साथ ही यह प्रदर्शन निहित स्वार्थ के चलते हो रहे हैं और इनका समय ऐसा है जब अगले साल डब्ल्यूएफआई के चुनाव हैं.
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