दिल्ली के जंतर-मंतर पर जब तक सभी पहलवान आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करवा देते. तब तक दिल्ली से वह अपने घरों के लिए कूच नहीं करने वाले हैं. इस तरह की कसम खाकर धरने पर ओलिंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित तमाम पहलवान बैठे हुए हैं. उनकी मांग को देखते हुए खेल मंत्रालय ने रेसलिंग फेडेशन ऑफ इंडिया के 7 मई को होने वाले चुनावों को रद्द कर दिया. जिसके बाद अब 3 सदस्यीय एडहॉक कमेटी बनाई गई है. जो पहलवानों के लिए काम करेगी और डब्ल्यूएफआई के चुनाव भी कराएगी. वहीं देश के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने भी पहलवानों के समर्थन में ट्वीट करके बड़ा बयान दे डाला है.
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एथलीटों का सड़क पर बैठना दुखद
टोक्यो ओलिंपिक 2020 में जैवलिन थ्रो में भारत को एथलेटिक्स का पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा ने पहलवानों के धरने प्रदर्शन को लेकर कहा, "हमारे एथलीटों को न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर देखकर मुझे दुख होता है. उन्होंने हमारे महान राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने और हमें गौरवान्वित करने के लिए कड़ी मेहनत की है. एक राष्ट्र के रूप में, हम सभी सिर्फ एथलीट की नहीं बल्कि सबकी अखंडता और सम्मान की रक्षा के लिए जिम्मेदार हैं. जो हो रहा है वह मेरे विचार से कभी नहीं होना चाहिए. यह एक संवेदनशील मुद्दा है और इससे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निपटा जाना चाहिए. न्याय के लिए सभी अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए."
जनवरी में दिया था पहली बार धरना
बता दें कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर सबसे पहले साल 2023 के जनवरी माह में पहलवान धरने पर बैठे थे. उस समय पहलवानों ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया को भंग करने व उनके अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह को तत्काल उनके पद से हटाने के साथ-साथ उन पर महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप भी लगाया था. इसके लिए खेल मंत्रालय ने एक कमेटी भी बनाई थी. मगर इसकी जांच में रिपोर्ट्स के अनुसार माना जा रहा है कि आरोपियों को बरी कर दिया गया है. यही कारण है कि पहलवान एक बार फिर से जंतर-मंतर पर न्याय मांगने के लिए एकत्र हो गए हैं. उनका मानना है कि ब्रज भूषण शरण सहित तमाम सीनियर कोच ने महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण किया है. जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
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