भारत के भालाफेंक स्टार नीरज चोपड़ा ने कहा कि वह चुनौतियों का सामना ठंडे दिमाग से करने के लिए महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर जैसी ‘सुपरपावर’ पाना चाहते हैं . दो बार के ओलिंपिक पदक विजेता 27 साल के चोपड़ा ने यह भी कहा कि जब उनके दिग्गज कोच जान जेलेंजी ने उन्हें भाला फेंकने से पहले 18 साल के युवक की तरह किसी तनाव के बिना दौड़ने की सलाह दी थी . उन्होंने कहा कि अब तक मैदान से भीतर और बाहर उन्हें सर्वश्रेष्ठ सलाह चेक कोच जेलेंजी से मिली है जिनके नाम 98 . 48 मीटर का भालाफेंक का विश्व रिकॉर्ड है .
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सचिन का सुपरपावर चाहिए मुझे: नीरज
चोपड़ा ने ‘स्टार स्पोटर्स’ और ‘जियो हॉटस्टार’ से कहा ,‘‘ जब भी मैं थ्रो फेंकता हूं तो मैं काफी एनर्जी में रहता हूं. लेकिन कोच ने मुझसे कहा कि मुझे फ्लो के साथ दौड़ना है . मुझे 18 साल के लड़के की तरह बिना किसी तनाव के दौड़ना है . मैं धीरे धीरे फ्लो को समझ रहा हूं .’’ उन्होंने कहा ,‘‘ किसी भी खेल में फ्लो महत्वपूर्ण है . मैं टेनिस के रोजर फेडरर की तरह खेलना चाहता हूं जो बिल्कुल शांत होकर कमाल करते थे.
यह पूछने पर कि वह किस क्रिकेटर की सुपरपावर भालाफेंक में उतारना चाहेंगे , चोपड़ा ने कहा ,‘‘सचिन तेंदुलकर . उन्होंने इतने साल तक इतने शानदार तरीके से देश का प्रतिनिधित्व किया . इतने महान गेंदबाजों की चुनौतियों का सामना करके भी शानदार प्रदर्शन किया .’’उन्होंने कहा ,‘‘ मैं वही सुपरपावर लेना चाहूंगा और वैसे ही खेलना चाहूंगा . इससे मुझे शांत रहकर चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी .’’
बेंगलुरू में पांच जुलाई को एनसी क्लासिक की मेजबानी कर रहे चोपड़ा ने मई में दोहा डायमंड लीग में 90 मीटर की बाधा पार की . उन्होंने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी का हेलिकॉप्टर शॉट ताकत और तकनीक के मामले में भालाफेंक की तरह है .
ब्रेट ली का भी लिया नाम
यह पूछने पर कि कौन सा क्रिकेटर भालाफेंक सकता है, चोपड़ा ने कहा,‘‘मैने सुना है कि ब्रेट ली भालाफेंक खिलाड़ी थे . मुझे लगता है कि वह भालाफेंक सकते थे, खासकर अपने कैरियर के चरम पर .’’ उन्होंने कहा ,’’ मैं जसप्रीत बुमराह को भी आजमाना चाहूंगा और उम्मीद है कि वह मुझे गेंदबाजी सिखाएंगे . गेंदबाजी और भालाफेंक दोनों में थ्रो है लेकिन अलग है . मैं बुमराह से सीखना चाहूंगा .’’
क्रिकेटर ने दिया जवाब
ब्रेट ली ने नीरज चोपड़ा को लेकर एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि, मैं अपने स्कूल के दिनों में जैवलिन फेंकता था. लेकिन आप जो कर रहे हो उसके तो आसपास भी नहीं था. कोहनी के लिए काफी मुश्किल होता है. उम्मीद है कि आप जैसा शानदार एथलीट और अच्छा करेगा.
यह पूछने पर कि क्या वह अंधविश्वासी हैं, चोपड़ा ने कहा ,‘‘ मैं जिस दिन थ्रो करना चाहता हूं उस दिन शांत रहता हूं . बहुत ज्यादा सोचता नहीं . अपना शत प्रतिशत देने पर फोकस रखता हूं . अच्छा खाता हूं और अच्छा आराम करता हूं .’’
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