Wimbledon Special: क्यों इस्तेमाल होती हैं 55000 टेनिस गेंदें? 11 देश और 4 महाद्वीप करते हैं मैन्युफैक्चर, 20 डिग्री तापमान में रखा जाता है लॉक

ब्रिटिश स्पोर्ट एक्विपमेंट निर्माता और ब्रैंड स्लेजेंजर विंबलडन का ऑफिशियल बॉल पार्टनर है. ये कंपनी साल 1902 से ये बॉल बना रही है.

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ब्रिटिश स्पोर्ट एक्विपमेंट निर्माता और ब्रैंड स्लेजेंजर विंबलडन का ऑफिशियल बॉल पार्टनर है. ये कंपनी साल 1902 से ये बॉल बना रही है.

विंबलडन (Wimbledon) चैंपियनशिप्स टेनिस के कैलेंडर ईयर का सबसे बड़ा टूर्नामेंट है. इसे खेल का सबसे पुराना ग्रैंड स्लैम कहा जाता है. टेनिस के टॉप खिलाड़ी इसमें हिस्सा लेते हैं वहीं दुनिया के हर टेनिस फैन की इसपर नजर होती है. विंबलडन टूर्नामेंट का आयोजन घास के कोर्ट पर किया जाता है और इसके लिए स्पेशल तरह के बॉल का इस्तेमाल किया जाता है. इसे हम टेनिस बॉल के नाम से भी जानते हैं. लेकिन ये टेनिस बॉल आम टेनिस बॉल से बेहद अलग होती है. तभी हम कोर्ट पर देख पाते हैं कि कैसे टेनिस स्टार इतने जोर से बॉल को मारते हैं तो भी बॉल कोर्ट पर ही रहती है. ऐसे में आपके लिए हम इस स्पेशल बॉल की हर जानकारी लेकर आए हैं कि इसे कहां और कैसे बनाया जाता है. किन देशों से इसका मटेरियल आता है और कितने तापमान में इस गेंद को स्टोर किया जाता है.

 

 

टेनिस बॉल का इतिहास

 

टेनिस बॉल का इतिहास बेहद अलग है क्योंकि दुनिया में कोई भी ऐसा प्रोडक्ट नहीं है जो 11 देश और 4 महाद्वीप से होकर गुजरता है. यानी की इसे बनने में इतने देशों का सफर तय करना पड़ता है. इसके बाद फिर इसकी क्वालिटी चेक होती है और तब जाकर किसी भी गेंद को फाइनल किया जाता है. ब्रिटिश स्पोर्ट एक्विपमेंट निर्माता और ब्रैंड स्लेजेंजर विंबलडन का ऑफिशियल बॉल पार्टनर है. ये कंपनी साल 1902 से ये बॉल बना रही है. हालांकि पैसों की बचत के लिए बॉल के कई सारे पार्ट्स को फिलिपिन्स से मंगाया जाता है. वहीं इसके बनाने में जिस केमिकल का इस्तेमाल होता है उसे इंडोनेशिया, थाइलैंड, जापान, चीन, न्यूजीलैंड और मलेशिया से मंगाया जाता है. इस प्रोसेस में अमेरिका और ग्रीस की भी मदद ली जाती है. इस बॉल में सिलिका और क्ले का इस्तेमाल होता है.

 

लॉस एंजेलिस टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार हर साल विंबलडन चैंपियनशिप्स के लिए कुल 55000 गेंदों का इस्तेमाल होता है.

 

कैसे होता है टेनिस बॉल का इस्तेमाल?

 

हर खिलाड़ी मैच से पहले 4 बॉल का इस्तेमाल करता है और उसे टेस्ट करता है. अगर किसी भी बॉल में थोड़ी सी भी खराबी या फिर अच्छे से रैकेट के साथ संपर्क में नहीं आती है तो उसे तुरंत बदल दिया जाता है.  टूर्नामेंट के नियमों के अनुसार हर बॉल को मैच के पहले 7 गेम के बाद बदल दिया जाता है. इसके बाद इसे 9 गेम के बाद बदला जाता है. अंपायर इसपर फैसला लेता है. कुल 48 टिन्स का हर दिन कोर्ट पर इस्तेमाल होता है.

 

 

किस तापमान में रखे जाते हैं टेनिस बॉल?

 

इन बॉल को आम तरह स्टोर करके नहीं रखा जाता है. बल्कि इन्हें 20 डिग्री तापमान में रखा जाता है. जिससे ये ठीक रहें और इनके शेप साइज में कोई फर्क न आए.

 

पुरानी टेनिस बॉल्स का क्या होता है?

 

एक मैच में टेनिस बॉल के इस्तेमाल के बाद विंबलडन के मैच में खड़े लड़के और लड़कियां इसे इक्ट्ठा करते हैं. इसके बाद विंबलडन के ऑर्गेनाइजर इसे अपने पास रखते हैं. कई गेंदों को फैंस के लिए उपलब्ध कराया जाता है जिसे सिर्फ वो खरीद ही सकते हैं. जबकि कई गेंदों को चैरिटेबल ट्रस्ट में दे दिया जाता है. इसके अलावा बॉल के अंदर का जो रबर होता है उसे रिसाइकिल किया जाता है. वहीं कई गेंदों को इंडोर टेनिस और स्पोर्ट्स टेनिस फेसिलिटी में भी इस्तेमाल किया जाता है.

 

 

क्या होती टेनिस बॉल की कीमत?

 

एक आम आदमी इन टेनिस गेंदों को खरीद सकता है. यानी की आप सेट ऑफ तीन बॉल को खरीद सकते हैं. इसके लिए आपको विंबलडन की ऑफिशियल साइट पर जाना होगा. एक गेंद की कीमत 287 रुपए होती है जबकि वेबसाइट पर आमतौर पर आपको सेट ऑफ थ्री या सेट ऑफ सिक्स के रूप में ही ये बॉल मिलती हैं. सेट ऑफ थ्री के लिए आपको 862 रुपए देने होंगे जबकि सेट ऑफ 6 के लिए आपको 1722 रुपए चुकाने होंगे. यहां आप सिर्फ स्लेजेंजर की गेंदों पर ही भरोसा कर सकते हैं. इसके अलावा और कोई कंपनी ओरिजिनल विंबलडन टेनिस बॉल नहीं बनाती है. इन गेंदों को आप एमेजॉन से भी खरीद सकते हैं.

 

हो चुका है विवाद

 

विंबलडन मेन्स सिंगल्स 2019 के मेन इवेंट के दौरान निक किर्गियोस ने इसी बॉल से राफेल नडाल पर हमला कर दिया था. नडाल ने इस मैच को जीत लिया था लेकिन एक पॉइंट जीतने के चक्कर में किर्गियोस ने नडाल की छाती पर गेंद मार दी थी. मैच के बाद नडाला ने किर्गियोस को खतरनाक बताया था और इसकी वजह कई सालों दोनों के रिश्ते के बीच खटास रही थी.

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