करुण नायर ने 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में तिहरा शतक लगाया था. लेकिन इसके बाद से उनका करियर बिखर सा गया. वे अपने राज्य की टीम से भी बाहर हो गए. लेकिन यह बल्लेबाज एक बार फिर करियर को संवारने में लगा हुआ है. करुण नायर का भारत के लिए आखिरी मैच सात साल पहले आया था. पिछले एक साल में इस खिलाड़ी ने विदर्भ के लिए खेलते हुए घरेलू क्रिकेट और नॉर्थम्पटनशर के लिए इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में कमाल किया है. लेकिन वे अभी ज्यादा आगे की नहीं सोच रहे.
उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, 'आपको मेहनत के लिए तैयार रहना होता है. यह खेल का हिस्सा है. और मैं भविष्य में ज्यादा आगे नहीं देख रहा क्योंकि कभी-कभी आप आगे की सोच कर एक ही जगह पर अटक जाते हैं. मैंने पिछले एक साल में सभी फॉर्मेट्स में काफी रन बनाए हैं. पिछले एक साल में मैंने हरेक मौके पर जो कुछ किया है उसे ही जारी रखना चाहता हूं. हर दिन एक नया अवसर है.'
नायर को इंग्लैंड ने बदला!
करुण को करियर में तब्दीली का पहला संकेत 2023 में नॉर्थम्पटनशर के लिए खेलने के बाद मिला. तब उन्होंने तीन मैच में 83 की औसत से 249 रन बनाए थे. इस साल वे फिर से वहां गए. अबकी बार सात मैच में 487 रन बनाए. उन्होंने कहा, 'वहां पर अलग गेंद से खेलते हैं. सबको पता है कि भारतीय बल्लेबाजों के लिए इंग्लैंड जाकर रन बनाना और हिलती हुई गेंद को खेलना मुश्किल होता है. इसलिए मैंने खुद की बल्लेबाजी के बारे में काफी कुछ जाना. इंग्लैंड में मैंने काफी कुछ सीखा. हो सकता है पहले मेरे अंदर यह बात थी लेकिन अब तक मुझे पता नहीं था.'
नायर ने विदर्भ की ओर से खेलने पर क्या कहा
नायर पिछले साल ही कर्नाटक से विदर्भ चले गए थे. उनका कहना है कि यह कदम सही समय पर उठाया गया. कर्नाटक में पर्याप्त मैच खेलने को नहीं मिल रहे थे. लेकिन विदर्भ जाने के बाद यह सब बदल गया. नायर ने विदर्भ के लिए रणजी ट्रॉफी में 10 मैचों में दो शतकों से 690 रन बनाए. इस बारे में उन्होंने कहा,
सबसे पहले तो यह रणजी ट्रॉफी क्रिकेट खेलने का मौका था जो कि मैं एक साल से कई कारणों से मिस कर रहा था. इसलिए मैं विदर्भ का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने का मौका दिया. इसलिए अब लक्ष्य है कि पिछले साल की तुलना में सुधार हो और एक कदम आगे बढ़ा जाए. और उम्मीद करता हूं कि हम दो ट्रॉफी जीत सकें.
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