जय शाह आईसीसी के नए चेयरमैन बन गए. वे इस पद के लिए चुने जाने वाले सबसे कम उम्र के शख्स हैं. 16 में से 15 डायरेक्टर्स ने जय शाह की दावेदारी का समर्थन किया. इस तरह का समर्थन इससे पहले किसी भी भारतीय को चेयरमैन पद के लिए आईसीसी में नहीं हुआ. जय शाह से पहले जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर आईसीसी चेयरमैन रह चुके हैं. क्रिकेट वेस्ट इंडीज ने भी जय शाह का चेयरमैन पद के लिए समर्थन किया. इसके सीईओ कॉलिन ग्रेव्ज ने बताया कि क्यों बीसीसीआई के वर्तमान सेक्रेटरी का आईसीसी में आना अच्छा कदम रहेगा.
माना जा रहा है कि भारत का बड़े टूर्नामेंट्स की मेजबानी करना और आकर्षक ब्रॉडकास्टिंग डील लाना जय शाह की दावेदारी के पक्ष में गया. ग्रेव्ज ने दी इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, ‘आईसीसी बोर्ड नहीं चाहता कि ज्यादातर समय अंदरुनी राजनीति में खराब हो. अगर आप बीसीसीआई में जय की लीडरशिप को देखते हैं तो यह शानदार रही है. उन्होंने वीमेंस प्रीमियर लीग शुरू की, सफलता से भारत में 50 ओवर वर्ल्ड कप कराया और आईपीएल व बीसीसीआई के लिए बड़ी ब्रॉडकास्ट डील हासिल की.’
ICC-स्टार में उलझा ब्रॉडकास्टिंग का मसला
अभी आईसीसी के सामने सबसे बड़ी चुनौती टेस्ट क्रिकेट का भविष्य है. भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के अलावा बाकी बोर्ड्स टेस्ट क्रिकेट का बोझ सह नहीं पा रहे हैं. इस फॉर्मेट में वे खिलाड़ियों को ज्यादा पैसे नहीं दे पा रहे हैं. न ही ज्यादा दर्शक इसके लिए आ पाते हैं. अभी 100 करोड़ रुपये का एक अलग फंड टेस्ट क्रिकेट के लिए रखने की बात हो रही है. लेकिन आईसीसी ब्रॉडकास्टर पार्टनर डिज्नी स्टार के साथ उलझा हुआ है. स्टार अपनी डील पर फिर से मोलभाव चाहता है.
ग्रेव्ज ने कहा कि 2027 में शुरू होने वाले फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम से पहले तक टेस्ट मैच फंड जारी होने की संभावना बहुत कम है. जब तक कि कोई नया इकॉनॉमिक मॉडल नहीं आता है तब तक ऐसा करना मुश्किल है. ब्रॉडकास्ट डील पर काफी कुछ टिका हुआ है. ग्रेव्ज के अनुसार.
जय शाह के जिम्मेदारी संभालने के बाद जो कुछ भी मुझे समझ आता है उसके हिसाब से वह इस मसले को समझते हैं. यह अच्छा संकेत है क्योंकि मैं आईसीसी को रणनीतिक कदम उठाते हुए देख रहा हूं.
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