एमसीसी की वर्ल्ड क्रिकेट कमिटी ने टेस्ट क्रिकेट को रोमांचक बनाने और द्विपक्षीय सीरीज के लिए दौरे पर जाने वाली टीमों को लेकर नए सुझाव दिए हैं. उसका कहना है कि दो देशों के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज कम से कम तीन मैच की होनी चाहिए. जो देश द्विपक्षीय सीरीज की मेजबानी कर रहा है उसे मेहमान टीम के सभी खर्चे उठाने चाहिए. यह दो अहम सिफारिश साउथ अफ्रीका के शहर केप टाउन में पिछले सप्ताह मेरिलबॉन क्रिकेट क्लब की वर्ल्ड क्रिकेट कमिटी की बैठक से सामने आईं. कमिटी ने तीन टेस्ट की सीरीज के लिए भारत और साउथ अफ्रीका व ऑस्ट्रेलिया व वेस्ट इंडीज के बीच हालिया टेस्ट सीरीज का उदाहरण दिया. इन दोनों सीरीज में 1-1 से दोनों टीमें बराबर रही थीं और रोमांचक खेल देखने को मिला था.
मेजबान उठाए दौरा करने वाली टीमों का खर्चा
हाल में वेस्ट इंडीज क्रिकेट की तरफ से कहा गया था कि उनके बोर्ड के बजट का मोटा हिस्सा दूसरे देशों में खेलने जाने पर खर्च हो जाता है. मेजबानी करने वाली टीम को ही उस सीरीज का सारा पैसा मिलता है जिसमें मीडिया राइट्स, टिकट्स बिक्री शामिल होती है. डब्ल्यूसीसी ने इस व्यवस्था में बदलाव के संकेत दिए हैं. उसका कहना है, डब्ल्यूसीसी को काफी समय से खेल की वैश्विक अर्थव्यवस्था की जानकारी है जो दौरा करने वाली टीमों के लिए काफी ज्यादा असंतुलित है. उन्हें सफर का खर्च उठाना पड़ता है जबकि सीरीज की पूरी कमाई मेजबान के पास जाती है. कमिटी समिति इस मॉडल पर पुनर्विचार करने का फैसला करती है जिसमें भविष्य के सभी द्विपक्षीय क्रिकेट के लिए दौरा करने वाली टीम का खर्चा घरेलू बोर्ड द्वारा उठाने जाने का विश्लेषण किया जाना चाहिए.
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