भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए बड़ा आइडिया दिया है. उनका कहना है कि इस फॉर्मेट में प्रतिस्पर्धा रहनी चाहिए और इसके लिए केवल मजबूत टीमों को ही खेलना चाहिए. उन्होंने टॉप सात टीमों की अलग कैटेगरी बनाने का सुझाव दिया. मेरिलबॉन क्रिकेट क्लब के प्रेसीडेंट मार्क निकलस ने खेल में पैसों की अहमियत बताई. उन्होंने कहा कि खेल को जारी रखने के लिए इसकी जरूरत है लेकिन क्रिकेट में पैसों को गलत माना जाता है. टेस्ट क्रिकेट को लेकर पिछले कुछ सालों से बहस छिड़ी हुई है कि टी20 फॉर्मेट के विस्तार के बीच इसका भविष्य कैसा रहेगा.
शास्त्री ने लंदन में वर्ल्ड क्रिकेट कनेक्ट्स इवेंट में टेस्ट क्रिकेट के भविष्य पर बोलते हुए कहा कि केवल मजबूत टीमों के मुकाबलों के जरिए ही इसकी दिलचस्पी बनाए रखी जा सकती है. उन्होंने कहा,
जब आपके पास क्वालिटी नहीं होती है तब रेटिंग गिरती हैं, कम दर्शक आते हैं, यह बेमतलब का क्रिकेट होता है जो कि खेल के लिए ठीक नहीं है. आपके पास 12 टेस्ट खेलने वाली टीमें हैं. इन्हें छह या सात पर ले आइए और प्रमोशन व रेलिगेशन सिस्टम शुरू करिए. आपके पास दो टियर हो सकते हैं लेकिन टॉप छह टीमों को खेलने दीजिए जिससे कि टेस्ट क्रिकेट में दिलचस्पी बनी रहे. टी20 जैसे बाकी फॉर्मेट्स से आप खेल को फैला सकते हैं.
'क्रिकेट बिना पैसों के नहीं चल सकता'
एमसीसी प्रेसीडेंट मार्क निकलस ने कहा कि क्रिकेट को जारी रहने के लिए पैसों की दरकार है. उन्होंने कहा, टी20 क्रिकेट ऐसी चीज है जो हर कोई चाहता है. यह वह चीज है जिससे नए मार्केट खुल रहे हैं. जहां फैंस हैं और जहां पर पैसा है. क्रिकेट में पैसों को गलत तरह से देखा जाता है लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि इसी से खेल जारी रह सकता है.
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