बंगाल की कप्तानी करने वाले मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) ने क्रिकेट के हर फॉर्मेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है. इस तरह उनके बेहतरीन करियर का अंत हो चुका है. 38 साल के खिलाड़ी ने क्रिकेट को दो दशक से भी ज्यादा का समय दिया. इस बीच उन्होंने कुछ अच्छी यादें बनाईं और कुछ खराब भी. लेकिन इस दौरान पूरे करियर में जो एक बात तिवारी कभी नहीं भुला पाए हैं वो उनकी टीम इंडिया के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर के साथ लड़ाई है.
9 साल पहले दोनों की हुई थी लड़ाई
9 साल पहले रणजी मुकाबले में मनोज तिवारी और गौतम गंभीर दोनों आपस में भिड़ गए थे. साल 2015 में तिवारी और गंभीर (Gautam Gambhir) के बीच फिरोज शाह कोटला के मैदान पर लड़ाई हो गई थी. उस दौरान तिवारी बल्लेबाजी के लिए नंबर 4 पर आए थे और उन्होंने कैप पहनी हुई थी. इसके बाद उन्होंने हेलमेट पहनने की मांग की क्योंकि सुमित नरवाल दूसरी तरफ से गेंद फेंकने वाले थे. इसी बीच गंभीर स्लिप पर खड़े थे और उन्हें ये देख गुस्सा आ गया.
तिवारी ने स्पोर्ट्स नाउ से बातचीत में कहा कि गौतम गंभीर के साथ हुई मेरी लड़ाई मैं आज भी एक भूल मानता हूं. मेरे दोस्तों से आप मिलेंगे तो आपको पता चलेगा कि मैं उस तरह का खिलाड़ी नहीं हूं जो सीनियर खिलाड़ियों से भिड़ता है. मैं वहां से दूर हो सकता था. सीनियर्स के साथ मेरे रिश्ते अच्छे हैं लेकिन एक लड़ाई ने मेरी छवि खराब कर दी थी.
गंभीर ने दी थी धमकी- तिवारी
बता दें कि गंभीर और तिवारी एक साथ केकेआर के लिए भी काम कर चुके हैं. ऐसे में तिवारी ने बताया कि इसलिए मुझे और बुरा लगता है क्योंकि बाद में हमने एक साथ बात की और काम भी किया. कोलकाता में हम काफी बातचीत करते हैं. लेकिन ये बिल्कुल सच है कि गंभीर ने कहा था कि तू मैच के बाद बाहर मिल. हालांकि ये सही नहीं था और उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था. पत्रकारों वाले टेंट में हर किसी ने ये सुना था.
तिवारी ने ये भी बताया कि गंभीर खेल को लेकर काफी जोश में आ जाते हैं. उस दौरान उन्होंने सौरव गांगुली को लेकर भी कुछ बयान दिया था जो गलत था क्योंकि सौरव उस दौरान क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष थे. तिवारी ने कहा कि इसके बाद न तो हम मिले और न ही हमने इस मुद्दे पर बात की.
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