भारतीय क्रिकेट टीम के सुपरस्टार विराट कोहली अपने खेल के साथ ही सुपर फिटनेस के लिए जाने जाते हैं. पिछले साल एक रिपोर्ट में सामने आया कि वह इकलौते भारतीय क्रिकेटर हैं जो एक बार भी चोट या फिटनेस की वजह से बेंगलुरु में नेशनल क्रिकेट एकेडमी नहीं गए. उनके अलावा भारत के 23 क्रिकेटर एनसीए गए थे. यह दिखाता है कि विराट कोहली किस कदर अपनी फिटनेस का ख्याल रखते हैं. इसमें बड़ा योगदान उनके खान-पान और वर्कआउट का है. इस बात में काफी दिलचस्पी रहती है कि विराट कोहली ऐसा क्या खाते हैं जिससे वे इतने फिट हैं. इस राज से उन्होंने खुद ही कुछ समय पहले पर्दा उठाया था.
कोहली ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में अपनी फिटनेस की यात्रा और खानपान को लेकर बताया था. उन्होंने कहा था, 'जब आप अपनी फिटनेस जर्सी का पता कर लेते हैं तब आप हर चीज को ठीक करने का सोचते हैं. इसमें विटामिन्स, पानी, प्रोटीन, सब के बारे में सोचते हं. आप जानना चाहते हैं कि क्या आपके लिए काम करता है. यही सही संतुलन होता है.'
विराट कोहली का कहना है कि शुरुआत में खाना उनके लिए एक चुनौती था लेकिन अब वह एक जैसा खाना एक दिन में तीन बार लगातार छह महीनों तक खा सकते हैं. उन्होंने कहा था, 'मेरा कहना है कि दोहराना ही सब कुछ है. इसलिए फिटनेस के लिहाज से मेरे लिए शुरुआती चुनौती खाना था.'
किस तरह का खाना खाते हैं कोहली?
कोहली खाने में चीनी, मसाले और तैल से बचते हैं. 34 साल के इस खिलाड़ी ने अपनी डाइट प्लान के बारे में कहा था, मेरा 90 फीसदी खाना उबला हुआ होता है. कोई मसाला नहीं. केवल नमक, काली मिर्च और नींबू. मैं ऐसे ही खाता हूं. मैं खाने के स्वाद को लेकर पागल नहीं हूं. मुझे फर्क नहीं पड़ता कि टेस्ट कैसा है. सलाद को मैं थोड़ी बहुत ड्रेसिंग के साथ पसंद करता हूं. ग्रिल्ड खाने को थोड़े से जैतून के तैल के साथ लेता हूं. करी नहीं लेता, केवल दाल खाता हूं. मसाला करी नहीं खाता. मैं हालांकि राजमा और लोबिया (चंवला/चौला) खाता हूं. एक पंजाबी होने की वजह से मैं इन्हें छोड़ पाता.'
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
हालांकि किसी भी एथलीट के फिटनेस प्लान को आंख मूंदकर फॉलो करना सही नहीं होता है. इस मामले में हमेशा एक्सपर्ट की राय अहम होती है. स्पोर्ट्स फिजियो और फिट टू गो के फाउंडर अनुश शुक्ला का कहना है कि हरेक व्यक्ति की बॉडी अलग से काम करती है. ऐसे में उसके हिसाब से डाइट प्लान और न्यूट्रिशन वेल्यू अलग होती है. उन्होंने कहा, 'जैसे क्रिकेटर, हॉकी और रेसलर्स इन तीनों खेलों में एथलीट्स की डाइट अलग तरह से होती है और क्योंकि इनमें शरीर अलग तरह से काम करता है. पहलवान घी खाते हैं क्योंकि उनका मेटाबॉलिज्म ज्यादा होता है. वहीं क्रिकेट की रिक्वायरमेंट अलग होती है तो वह इनसे दूर रह सकते हैं. इसलिए हमेशा किसी एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए जो यह बता सके कि आपके शरीर को किस तरह की डाइट चाहिए. कोहली की डाइट को फॉलो करना महंगा सौदा है. हर कोई उसे अफॉर्ड नहीं कर सकता है. वे ब्लैक वाटर पीते हैं जिससे रिकवरी जल्दी होती है. लेकिन आम आदमी ऐसा नहीं कर सकता है. ऐसे में दूसरे विकल्प होते हैं जिनके जरिए भी रिकवरी की जा सकती है.'
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