वर्ल्ड कप 2023 से भारतीय इकॉनमी को लगेंगे पंख! 22 हजार करोड़ रुपये के बूस्ट का अनुमान, जानिए पूरी रिपोर्ट

वर्ल्ड कप 2023 से भारतीय इकॉनमी को लगेंगे पंख! 22 हजार करोड़ रुपये के बूस्ट का अनुमान, जानिए पूरी रिपोर्ट
वर्ल्ड कप 2023 भारत में हो रहा. (Getty Images)

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भारत 12 साल बाद 50 ओवर क्रिकेट वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा है.2019 में जब वर्ल्ड कप हुआ था उससे ब्रिटेन की इकॉनमी को काफी फायदा मिला था.

आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 से भारत की इकॉनमी को 22 हजार करोड़ रुपये का बूस्ट मिल सकता है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है. इसमें कहा गया है कि वर्ल्ड कप के मैचों को देखने के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दर्शक बड़ी संख्या में सफर करेंगे. इससे हॉस्पिटैलिटी और एवियशन सेक्टर काफी डिमांड में रहेगा. इस दौरान 25 लाख लोग पूरे टूर्नामेंट के दौरान सफर कर सकते हैं. वर्ल्ड कप 2023 का आगाज 5 अक्टूबर को न्यूजीलैंड और इंग्लैंड मैच के साथ हो गया. अब 19 नवंबर तक देश के 10 अलग-अलग शहरों में कुल 10 टीमें खेलने जाएंगी. इस टूर्नामेंट में कुल 48 मैच होने हैं. 2011 के बाद भारत 12 साल बाद 50 ओवर क्रिकेट वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा है.

 

ब्लूमबर्ग रिपोर्ट में इकॉनॉमिस्ट जाह्नवी प्रभाकर और अदिति गुप्ता ने लिखा है, देश के 10 शहरों में मैच होने से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को सबसे ज्यादा फायदा होगा. सितंबर से तीन महीने का त्योहारी सीजन भी शुरू हो गया. इससे रिटेल सेक्टर को भी मदद मिलेगी. वर्ल्ड कप के दौरान काफी हद तक मर्चेंडाइज खरीदे जाते हैं. प्रभाकर और गुप्ता का कहना है कि इस वर्ल्ड कप के दौरान दर्शकों की संख्या काफी ज्यादा होगी. 2019 वर्ल्ड कप को 552 मिलियन लोगों ने देखा. इस बार आंकड़ा काफी बड़ा होगा. इससे टीवी राइट्स और स्पॉन्सरशिप के जरिए 10,500 से 12,000 करोड़ रुपये बनाए जा सकते हैं.

 

ब्रिटेन को 2019 वर्ल्ड कप से हुआ था फायदा

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में जब वर्ल्ड कप हुआ था उससे ब्रिटेन की इकॉनमी को काफी फायदा मिला था. इसी तरह का पैटर्न भारत में भी रह सकता है. वर्ल्ड कप के दौरान टिकट बिक्री 1600 से 2200 करोड़ रुपये की हो सकती है. यह अनुमान भारत के मैचों के हाउसफुल रहने के आधार पर लगाया गया है.

 

प्रभाकर और गुप्ता ने लिखा, 'हमें लगता है कि वर्ल्ड कप में भारत की जीडीपी को बूस्ट देने की संभावना है, यह त्योहारी सीजन के साथ है जिससे संभावना बढ़ जाती है. इस दौरान सर्विस सेक्टर को सर्वाधिक फायदा हो सकता है. हॉस्पिटैलिटी और ट्यूरिज्म की भी चांदी होगी. जीडीपी पर असर को देखा जाए तो वर्ल्ड कप के जरिए 18 से 22 हजार करोड़ का योगदान मिल सकता है. विदेशी पर्यटकों के आने से होटल, खाना और ट्रेवल पर 450 से 600 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं. वहीं घरेलू दर्शकों का योगदान 150 से 250 करोड़ रुपये का रह सकता है.'

 

वर्ल्ड कप से बढ़ेगी महंगाई!

 

वर्ल्ड कप के चलते महंगाई भी बढ़ती है. इस अवधि के दौरान एयरलाइन टिकट और होटलों के किराए में इजाफा हो गया है और मैचों की मेजबानी कर रहे शहरों में सर्विस चार्ज भी बढ़ सकता है. अक्टूबर से नवंबर के दौरान 0.15%-0.25% महंगाई बढ़ सकती है. इस टूर्नामेंट के चलते सरकार के टैक्स कलेक्शन में भी बढ़ोत्तरी दर्ज होगी. टिकटों की बिक्री, होटल, रेस्तरां, खाने की सप्लाई, कपड़ों की बिक्री बढ़ने से टैक्स राजस्व बढ़ेगा. 

 

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