IND vs ENG : टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे का अंतिम टेस्ट मैच ओवल के मैदान में खेला गया. इस टेस्ट मैच के पहले दिन ही इंग्लैंड की टीम को बड़ा झटका लगा और उनके धाकड़ तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स फील्डिंग के दौरान कंधा चोटिल कर बैठे. इंजर्ड होने के बाद वोक्स मैदान से बाहर गए और फिर फील्डिंग व बॉलिंग दोनों के लिए वापस नहीं आ सके. लेकिन अंतिम दिन जब टीम को जरूरत पड़ी तो वह एक हाथ से बल्लेबाजी के लिए मैदान में उतरे. वोक्स ने अब अपनी इंजरी और दर्द भरे मैच को याद करते हुए कहा कि उनको लगने लगा था कि गेम ओवर और अब यहीं से करियर खत्म.
मेरा हाथ स्लिप हो गया था और पूरे शरीर का भार कंधे पर चला गया. जिसके चलते जब मैं गिरा तो कंधे में एक पॉप हुआ. इसके चलते इतनी तेज दर्द उठा कि मुझे लगने लगा कि करियर खत्म और अब गेम ओवर हो चुका है. इंग्लैंड के फिजियो ने मेरे साथ 30 मिनट बिताए और वो काफी दर्द भरे थे. जब कंधा वापस अपनी जगह पर आया तो मुझे जाकर थोड़ा आराम मिला.
क्रिस वोक्स ने आगे कहा,
मेरी इंजरी से दर्द इतनी तेज हुआ कि मेरी आर्म वहां पट लटक गई थी. उसके अगले दिन मैंने कोच ब्रैंडन मैक्कलम से कहा कि मैं बल्लेबाजी के लिए तैयार हूं अगर टीम को जरूरत पड़ती है. उन्होंने मना कर दिया था लेकिन अंतिम दिन फिर अच्छा रहा कि मैं बैटिंग करने नीचे आया और एक हाथ से मुझे एक भी गेंद का सामना नहीं करना पड़ा. मुझे डर था कि कहीं कोई बाउंसर मेरे हाथ में ना लग जाए.
एक हाथ से बैटिंग प्रैक्टिस करके आए थे वोक्स
वहीं वोक्स ने ये भी बताया कि जब भारत ने इंग्लैंड को 374 रन का टारगेट दिया था तो चौथे दिन ही उन्होंने एक हाथ से बैटिंग करने का अभ्यास शुरू कर दिया था. वोक्स ने कहा,
पहले मैंने दोनों हाथ से बल्ला पकड़ा लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इसके बाद मैंने एक गेंद को सामान्य रूप से डिफेंड किया और बोला कि अरे यार ये बहुत कष्ट दायक था. फिर मैंने कंधे को बचाने के लिए लेफ हैंडड बल्लेबाज का स्टांस लेकर खेला. इससे कंधा बचा रहेगा और ऊपरी हाथ को कंट्रोल करते हुए डिफेंड करने में मदद मिलेगी. मैंने कुछ हिट लगाये और कुछ मिस किये. क्योंकि यही एकमात्र तरीका था.