भारत के धाकड़ बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा का कहना है कि टेस्ट स्पेशलिस्ट का ठप्पा लगा दिए जाने के कारण उन्हें इंटरनेशनल स्तर पर वनडे और टी20 क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला. उन्होंने कहा टेस्ट स्पेशलिस्ट का टैग बुरा नहीं है लेकिन इसके चलते बाकी फॉर्मेट में उनकी अनदेखी हो गई. चेतेश्वर पुजारा ने स्पोर्ट्स तक के पॉडकास्ट 'VIKRANT UNFILTERED' में इस बारे में बात की. भारतीय टेस्ट टीम से अभी बाहर चल रहे इस खिलाड़ी ने पांच वनडे मुकाबले खेले जिनमें 51 रन बनाए. वहीं लिस्ट ए क्रिकेट में पुजारा के नाम 130 मैच हैं जिनमें 57.01 की औसत से 5759 रन हैं. 16 शतक इस फॉर्मेट में उन्होंने लगाए. वहीं 71 टी20 मुकाबले भी इस बल्लेबाज ने खेले हैं जिनमें एक शतक व नौ अर्धशतक के सहारे 1556 रन बनाए. लेकिन पुजारा को कभी भारत की ओर से टी20 खेलने का मौका नहीं मिला.
पुजारा ने आगे कहा,
भारतीय क्रिकेट में कई बार कुछ खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेटर का टैग मिल जाता है और फिर उन्हें आप वनडे-टी20 के लिए देखते ही नहीं है. लेकिन आप कोचेज या सीनियर खिलाड़ियों से बात करेंगे तो सारे यही कहते हैं कि आप टेस्ट खेल सकते हैं तो वनडे भी खेल सकते हैं. वह टेस्ट क्रिकेट की तुलना में आसान फॉर्मेट है. लेकिन कोई अफसोस नहीं है. व्यक्तिगत रूप से मुझे भारत के लिए टेस्ट खेलने का मौका मिला और वह काफी गर्व की बात है. मेरे लिए यह एक सपना था. फिर साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड में जाकर खेला. ऐसे में रिग्रेट नहीं है लेकिन अगर मौका मिलता तो निसंदेह अच्छा खेलता है.
पुजारा ने भारत के लिए वनडे क्रिकेट 2013 और 2014 में खेला था. जिम्बाब्वे दौरे से उन्होंने डेब्यू किया था और आखिरी मैच बांग्लादेश के खिलाफ था. भारत के लिए इस फॉर्मेट में 27 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा.