इशान किशन-श्रेयस अय्यर को BCCI से मिलेगी तगड़ी सजा, इस लापरवाही के चलते झेलनी होगी कार्रवाई!

इशान किशन-श्रेयस अय्यर को BCCI से मिलेगी तगड़ी सजा, इस लापरवाही के चलते झेलनी होगी कार्रवाई!
इशान किशन और श्रेयस अय्यर दोनों अभी भारतीय टीम से बाहर हैं.

Highlights:

इशान किशन दिसंबर 2023 में साउथ अफ्रीका दौरे से आने के बाद से क्रिकेट से दूर हैं.

श्रेयस अय्यर खराब फॉर्म और चोट के चलते इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के दौरान टीम इंडिया से बाहर हुए.

इशान किशन और श्रेयस अय्यर के लिए भारतीय क्रिकेट में आने वाले दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं. इन दोनों युवा खिलाड़ियों को बीसीसीआई की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है. घरेलू क्रिकेट से दूरी बनाने के चलते इशान और श्रेयस दोनों से बीसीसीआई सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट छिन सकता है. बीसीसीआई सेक्रेटरी जय शाह ने पिछले दिनों साफ कर दिया था कि भारतीय टीम का हिस्सा और संभावित रूप से खेल सकने वाले खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य है. खिलाड़ी आईपीएल के लिए इससे दूरी न बनाए. अगर कोई फर्स्ट क्लास क्रिकेट से बचने की कोशिश करेगा तो उसे कड़ी कार्रवाई झेलनी होगी.

 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि इशान किशन और श्रेयस अय्यर को बीसीसीआई के ताजा आदेश की नाफरमानी भारी पड़ने वाली है. इसमें कहा गया है, अजीत अगरकर की अध्यक्षता वाले सेलेक्शन पैनल ने 2023-24 सीजन के लिए सेंट्रली कॉन्ट्रेक्टेड खिलाड़ियों की लिस्ट तैयार कर ली है. बीसीसीआई जल्द ही इसकी घोषणा कर देगा. किशन और अय्यर इस लिस्ट से बाहर हो सकते हैं. दोनों ने बीसीसीआई के आदेश के बाद भी घरेलू क्रिकेट नहीं खेला.

 

इशान-श्रेयस क्यों नहीं खेल रहे डॉमेस्टिक क्रिकेट

 

इशान दिसंबर 2023 में साउथ अफ्रीका दौरे से पर्सनल वजहों से लौट आए थे. इसके बाद से क्रिकेट से दूर हैं. वे हालांकि हार्दिक पंड्या के साथ बड़ौदा में ट्रेनिंग करते दिखे. टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ ने भी कहा था कि इशान को वापसी के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना होगा. फिर जय शाह ने भी डॉमेस्टिक क्रिकेट की बात कही. लेकिन इशान रणजी ट्रॉफी में नहीं खेले. श्रेयस की बात करें तो वे इंग्लैंड सीरीज के लिए टीम इंडिया में थे. हालांकि चोट और खराब फॉर्म के चलते वे बाहर हो गए. बीसीसीआई का मानना है कि वे फिट हैं जबकि अय्यर की तरफ से कहा जा रहा है कि वे चोटिल हैं.

 

जय शाह ने खिलाड़ियों से क्या कहा था

 

जय शाह ने पिछले दिनों खिलाड़ियों को लिखा था कि अगर वे देश के लिए खेलना चाहते हैं तो उन्हें खुद को घरेलू क्रिकेट में साबित करना होगा. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तब गंभीर अंजाम भुगतना होगा. उन्होंने लिखा था कि घरेलू क्रिकेट पर आईपीएल को तरजीह देना चिंता का विषय बना हुआ है. ESPNcricinfo के अनुसार चिट्ठी में लिखा था,

 

ऐसा ट्रेंड उभरकर सामने आया है और वह चिंता की बात है. कुछ खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट के बजाए आईपीएल को तरजीह दे रहे. इस बदलाव की उम्मीद नहीं थी. घरेलू क्रिकेट ऐसी बुनियाद है जिस पर भारतीय क्रिकेट खड़ा है और खेल के विजन में इसका मूल्य कभी कम नहीं हुआ. यह समझना जरूरी है कि घरेलू क्रिकेट भारतीय क्रिकेट की रीढ़ है और इससे टीम इंडिया को खिलाड़ी मिलते हैं. शुरुआत से भारतीय क्रिकेट के लिए हमारा विजन साफ है- हरेक क्रिकेटर जो भारत के लिए खेलना चाहता उसे घरेलू खुद को घरेलू क्रिकेट में साबित करना होगा. घरेलू टूर्नामेंट में प्रदर्शन चयन का एक अहम पैमाना है और घरेलू क्रिकेट में शामिल नहीं होने से गंभीर नतीजे देखने को मिलेंगे.

 

 

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