UNFILTERED: Virat ने क्यों बनाई क्रिकेट से दूरी? 5 महीने की चुप्पी के पीछे का डरावना सच!

स्पोर्ट्स तक के शो 'अनफिल्टर्ड' में भारतीय क्रिकेट के एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा हुई कि आखिर क्यों भारत अपने महान क्रिकेटरों को सम्मानजनक विदाई नहीं दे पाता है. इस बहस में सुनील गावस्कर, कपिल देव, सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों के करियर के अंतिम दौर और रिटायरमेंट संस्कृति का विश्लेषण किया गया. शो में गावस्कर के 1987 के अंतिम मैच, कपिल देव के 434वें विकेट के बाद अचानक संन्यास, सचिन तेंदुलकर के 2012 में बिना फेयरवेल मैच के वनडे से रिटायरमेंट और सौरव गांगुली के 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज से पहले की घोषणा जैसे उदाहरणों पर गौर किया गया. यह भी बताया गया कि कैसे आशीष नेहरा को विराट कोहली की कप्तानी में विदाई मैच मिला. चर्चा में व्यक्तिगत रिकॉर्ड बनाम टीम हित के मुद्दे पर भी प्रकाश डाला गया, जिसमें सचिन के 194 पर पारी घोषित होने और कोहली के 254 पर पारी घोषित करने के उदाहरण शामिल थे. पुराने दौर के खिलाड़ियों जैसे गुंडप्पा विश्वनाथ और बिशन सिंह बेदी को बिना सम्मानजनक विदाई के टीम से बाहर किए जाने का भी जिक्र हुआ. आईपीएल और एंडोर्समेंट के कारण आज के खिलाड़ियों की आर्थिक सुरक्षा और पूर्व खिलाड़ियों की भविष्य की चिंताओं की तुलना भी की गई. गौतम गंभीर जैसे कोच की टीम-प्रथम सोच और क्रिकेट में बदलते माइंडसेट पर भी बात हुई.

स्पोर्ट्स तक के शो 'अनफिल्टर्ड' में भारतीय क्रिकेट के एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा हुई कि आखिर क्यों भारत अपने महान क्रिकेटरों को सम्मानजनक विदाई नहीं दे पाता है. इस बहस में सुनील गावस्कर, कपिल देव, सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों के करियर के अंतिम दौर और रिटायरमेंट संस्कृति का विश्लेषण किया गया. शो में गावस्कर के 1987 के अंतिम मैच, कपिल देव के 434वें विकेट के बाद अचानक संन्यास, सचिन तेंदुलकर के 2012 में बिना फेयरवेल मैच के वनडे से रिटायरमेंट और सौरव गांगुली के 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज से पहले की घोषणा जैसे उदाहरणों पर गौर किया गया. यह भी बताया गया कि कैसे आशीष नेहरा को विराट कोहली की कप्तानी में विदाई मैच मिला. चर्चा में व्यक्तिगत रिकॉर्ड बनाम टीम हित के मुद्दे पर भी प्रकाश डाला गया, जिसमें सचिन के 194 पर पारी घोषित होने और कोहली के 254 पर पारी घोषित करने के उदाहरण शामिल थे. पुराने दौर के खिलाड़ियों जैसे गुंडप्पा विश्वनाथ और बिशन सिंह बेदी को बिना सम्मानजनक विदाई के टीम से बाहर किए जाने का भी जिक्र हुआ. आईपीएल और एंडोर्समेंट के कारण आज के खिलाड़ियों की आर्थिक सुरक्षा और पूर्व खिलाड़ियों की भविष्य की चिंताओं की तुलना भी की गई. गौतम गंभीर जैसे कोच की टीम-प्रथम सोच और क्रिकेट में बदलते माइंडसेट पर भी बात हुई.