भारतीय पहलवानों को पेरिस ओलिंपिक से पहले मिली बड़ी राहत, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने हटाया सस्पेंशन

भारतीय पहलवानों को पेरिस ओलिंपिक से पहले मिली बड़ी राहत, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने हटाया सस्पेंशन
भारतीय कुश्ती पिछले एक साल से काफी विवादों रही है.

Highlights:

WFI से सस्पेंशन हटने के बाद भारतीय पहलवान तिरंगे तले खेल पाएंगे.

UWW ने सस्पेंशन हटाते हुए WFI के सामने कुछ शर्तें रखी हैं.

यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने 13 फरवरी को भारतीय कुश्ती महासंघ पर लगा सस्पेंशन तुरंत प्रभाव से हटा दिया. अगस्त 2023 में भारतीय कुश्ती को सस्पेंड किया गया था. यह कदम तय समय में चुनाव नहीं कराने की वजह से किया गया था. भारतीय कुश्ती के लिए सस्पेंशन हटना पेरिस ओलिंपिक्स 2024 से पहले अच्छी खबर है. अब भारतीय पहलवान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तिरंगे के नीचे खेल पाएंगे. सस्पेंशन के दौरान उन्हें यूनाइटेड रेसलिंग के झंडे तहत खेलना पड़ रहाा था. अगर कोई भारतीय पहलवान गोल्ड जीतता था तब भारत का राष्ट्रगान नहीं बजता था. UWW ने सस्पेंड करने से पहले जून 2023 में भारत को चेताया था कि उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है.

 

UWW ने भारतीय कुश्ती पर क्या कहा

 

UWW ने 13 फरवरी को बयान जारी कर कहा, 'UWW ने पिछले साल अगस्त में भारतीय कुश्ती महासंघ को सस्पेंड किया था. ऐसा भारतीय कुश्ती के चुनाव नहीं कराने पर किया गया. UWW के अनुशासन चैंबर ने फैसला किया था कि उसके पास भारतीय कुश्ती को सस्पेंड करने के लिए पर्याप्त आधार हैं. वहां पर हालात कम से कम छह महीनों से ऐसे ही चल रहे. 9 फरवरी को UWW ब्यूरो की सस्पेंशन के रिव्यू को लेकर बैठक हुई और कुछ शर्तों के साथ सस्पेंशन हटाने का फैसला लिया गया. भारतीय कुश्ती को एथलीट्स कमीशन के चुनाव दोबारा कराने होंगे. इस कमीशन के लिए उम्मीदवार सक्रिय या चार साल से कम समय में रिटायर हुए खिलाड़ी होने चाहिए. वोट केवल खिलाड़ी ही डाल पाएंगे. ये चुनाव ट्रायल्स या किसी सीनियर नेशनल चैंपियनशिप्स के दौरान 1 जून 2024 से पहले होने चाहिए.'

 

 

UWW ने आगे कहा, 'भारतीय कुश्ती को फौरन UWW को लिखित गारंटी देनी होगी कि सभी पहलवानों को बिना किसी भेदभाव के उसके इवेंट्स जैसे ओलिंपिक ट्रायल्स में शामिल किया जाएगा. पूर्व प्रेसीडेंट की कथित गलत हरकतों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले तीन एथलीट्स के साथ भी किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा. UWW का इशारा विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और रिटायर हो चुकीं साक्षी मलिक की तरफ था. इन तीनों ने पूर्व प्रेसीडेंट ब्रज भूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन किया था. 

 

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