मनु भाकर ने पेरिस ओलिंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीता. वह ओलिंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला शूटर बनी. मनु ने 221.7 अंक के साथ तीसरा स्थान हासिल किया. इसके साथ ही पेरिस ओलिंपिक में भारत को पहला मेडल जीता. साथ ही 12 साल में यह भारत का शूटिंग में पहला मेडल है. भारत ने आखिरी बार 2012 लंदन ओलिंपिक में शूटिंग में मेडल जीता था. तब विजय कुमार और गगन नारंग ने क्रमश: सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीता था. हरियाणा से आने वाली मनु भाकर का यह दूसरा ओलिंपिक था. टोक्यो ओलिंपिक में पिस्टल खराब होने से उनकी लय बिगड़ी थी और इसकी वजह से वह फाइनल में भी नहीं जा सकी थी.
मनु हालांकि शुरुआत से शूटिंग में नहीं थी. 14 साल की उम्र तक वह दूसरे खेलों में सक्रिय थी. वह स्कूली दिनों में बॉक्सिंग, स्केटिंग, वॉलीबॉल, मार्शल आर्ट और टेनिस खेला करती थी. इनमें उन्होंने नेशनल लेवल पर 60 से ज्यादा मेडल हासिल किए थे. इन खेलों में वह बॉक्सिंग में सबसे अच्छी थी. उनके परिवार को लगता था कि वह आगे चलकर बॉक्सर बनेगी. लेकिन स्कूल में एक बार वॉलीबॉल खेलते समय आंख में चोट लगने के बाद वह बॉक्सिंग से दूर हो गई. इसके बाद उन्होंने शूटिंग की तरफ ध्यान लगाया. साल 2014 में उन्होंने पहली बार पिस्टल उठाई थी. इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा.
मनु का कमाल का रहा है करियर
मनु के पिता रामकिशन ने बताया कि शूटिंग शुरू करने के एक महीने बाद उसने पिस्टल मांग ली थी. उन्होंने चंडीगढ़ जाकर 1.80 लाख रुपये की पिस्टल मनु को लाकर दी थी. मनु ने पेरिस ओलिंपिक से पहले केवल एशियन गेम्स को छोड़कर बाकी सभी टूर्नामेंट में मेडल जीते. इनमें वर्ल्ड कप में नौ गोल्ड शामिल हैं. उनके नाम यूथ ओलिंपिक और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड हैं.
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