टीम इंडिया में जल्द ही बदलाव नजर आने वाला है. अक्षर पटेल ने इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज शुरू होने से पहले खुद इसे लेकर बड़ा बयान दिया है. उपकप्तान अक्षर भी किसी भी समय अनुभवी रवींद्र जडेजा की जगह लेने के दावेदार हैं, जिन्होंने टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद इस फॉर्मेट को अलविदा कह दिया. वह भारतीय टेस्ट टीम में होने वाले बड़े बदलाव के दौरान पैदा होने वाली संभावनाओं से वाकिफ हैं, लेकिन उन्हें अपने मामले में किसी को कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है. अक्षर पटेल सोमवार को 31 साल के हो गए हैं और अपने सीनियर साथी के बराबर टैलेंट होने के बावजूद वह पिछले एक दशक से जडेजा की गैरमौजूदगी में ही टीम में जगह बना पाते हैं.
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अक्षर ने अपने 11 साल के इंटरनेशनल करियर में तीनों फॉर्मेट में 184 विकेट लिए हैं, जिसमें से 55 विकेट 14 टेस्ट में मिले हैं. इन 14 टेस्ट में से दो बांग्लादेश में थे, जब जडेजा अनफिट थे. भारतीय क्रिकेट में बदलाव से होने वाले फायदा को लेकर टीम इंडिया के टी20 उपकप्तान ने कहा-
बिलकुल, बदलाव का दौर आने ही वाला है, लेकिन आखिर में यह चयनकर्ताओं और कप्तान का फैसला है. मुझे किसी को कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा-
मेरा काम मुझे सौंपी गई भूमिका को पूरा करने और खुद में लगातार सुधार करने पर फोकस करना है. अगर मैं अच्छा प्रदर्शन करता हूं तो टीम में मेरी जगह अपने आप बन जाएगी.
उनका मानना हैं कि वह सभी फॉर्मेट के खिलाड़ी हैं. उन्होंने कहा-
मैं खुद को बताता रहता हूं कि मैं सभी तीन फॉर्मेट में खेल चुका हूं. मेरा ध्यान सिर्फ अच्छा प्रदर्शन करने पर है.जब भी मौका मिले. मेरा मानना है कि मुझे किसी को कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है, भले ही मैं चुना जाऊं या नहीं. मैं यह सोचकर दबाव नहीं लेता कि मैं टीम में जगह बनाने का हकदार हूं. यह हमेशा टीम संयोजन की बात होती है कि मेरी टीम में जगह है या नहीं.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए टीम में जगह नहीं बना पाने से अक्षर पटेल निराश नहीं थे, बल्कि उन्होंने अपना ध्यान साउथ अफ्रीका में टी20 सीरीज पर लगाया, जिसमें वह सभी मैच खेले थे. उन्होंने कहा-
जब चयन या ऑस्ट्रेलिया सीरीज की बात आती है तो मुझे लगता है कि यह सोचने के बजाय कि मैं टीम में जगह बनाने का हकदार हूं या नहीं, मैं इस बारे में सोचता हूं कि मुझे कहां मौका मिल सकता है.
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