टीम इंडिया WTC Final 2023 से पहले हरी-पीली गेंदों से क्यों कर रही प्रैक्टिस?

भारतीय टीम (Indian Cricket Team) ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (World Test Championship Final 2023) से पहले प्रैक्टिस में पूरा जान झोंके हुए हैं.

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भारतीय टीम (Indian Cricket Team) ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (World Test Championship Final 2023) से पहले प्रैक्टिस में पूरा जान झोंके हुए हैं. बैटिंग से लेकर बॉलिंग और फील्डिंग में कई नए अंदाज देखने को मिल रहे हैं. इसी कड़ी में देखा गया कि टीम अभी कैच प्रैक्टिस करने के लिए अलग-अलग रंगों की रबर गेंदों का इस्तेमाल कर रही है. यह प्रयोग इसलिए हो रहा है कि ताकि स्लिप कैचिंग में मदद मिल सके. अभ्यास के दौरान शुभमन गिल को हरी गेंदों से कैच लपकते देखा गया. पीले रंग की भी गेंद थी लेकिन लॉन टेनिस गेंद नहीं थी जो आम तौर पर विकेटकीपर और करीबी क्षेत्ररक्षकों के अभ्यास के लिये इस्तेमाल की जाती है.

 

एनसीए के लिये काम कर चुके एक मशहूर फील्डिंग कोच ने बताया, ‘ये खास तौर पर बनाई गई रबर गेंदें है, वह नहीं जो गली क्रिकेट में इस्तेमाल होती है. ये फील्डिंग प्रैक्टिस के लिए बनाई जाती है. इन्हें ‘रिएक्शन गेंद’ कहते हैं और ये इंग्लैंड या न्यूजीलैंड जैसे कुछ खास देशों में अभ्यास के लिये इस्तेमाल की जाती है जहां ठंडी हवा और ठंडा मौसम होता है.’

 

टीम इंडिया की प्रैक्टिस रंगीन गेंदों से क्यों हो रही? 


हरी गेंद की अहमियत के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘किसी खास रंग का कोई वैज्ञानिक या क्रिकेटिया कारण नहीं है. लेकिन स्लिप के क्षेत्ररक्षकों और विकेटकीपर के लिये रबर की गेंद खास तौर पर कैचिंग के लिये प्रयोग की जाती है. इंग्लैंड में पिच के नीचे नमी और हरी आउटफील्ड के चलते गेंद सामान्य से ज्यादा हिलती है. इंग्लैंड एकमात्र देश है और कुछ हद तक न्यूजीलैंड में भी गेंद बल्लेबाज के बल्ले का बाहरी किनारा लेकर रूख बदल लेती है जिससे कैच लपकना मुश्किल हो जाता है. ड्यूक गेंद और भी डगमगाती है इसलिए रबर की गेंदों से अभ्यास किया जा रहा है क्योंकि ये अधिक स्विंग लेती हैं या डगमगाती हैं.’

 

रिएक्शन बॉल्स से कैसे मिलती है मदद?


उन्होंने फिर समझाया कि ट्रेनिंग के लिए रिएक्शन बॉल्स का इस्तेमाल क्यों होता है. उन्होंने कहा, 'यह गेंद वजन में हल्की होती है और इसके चलते डगमगाती है और ज्यादा स्विंग करती है या दिशा बदलती है. इनके जरिए गेंद की लाइन का दिशा बदलने के हिसाब से खुद को ढालना होता है. अब बात करते हैं अलग-अलग तरह की गेंदों की तो मानवीय स्वभाव होता है कि वह आखिरी पल में गेंद को नहीं देख पाता. अलग-अलग रंगों से कैच के दौरान गेंद के आने की लाइन को परखने में मदद मिलती है.'

 

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