भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खत्म हो चुकी है. ओवल के मैदान पर गेंदबाजी में मोहम्मद सिराज के जादू से टीम इंडिया ने 6 रन से जीत हासिल कर ली. ये टेस्ट भारत के लिए बेहद अहम था क्योंकि अगर यहां टीम इंडिया हारती तो टीम सीरीज गंवा देती. ऐसे में जीत हासिल कर भारत ने सीरीज को 2-2 के ड्रॉ पर खत्म कर दिया. इस दौरान गौतम गंभीर के फैसलों पर कई लोगों ने सवाल उठाए. गंभीर के लिए ये सीरीज करो या मरो जैसी थी क्योंकि टीम इंडिया ने पहले ही 2 टेस्ट सीरीज गंवाकर आ रही थी. हालांकि आखिरी टेस्ट जीत ने गंभीर को भविष्य के लिए एक और मौका दे दिया और आलोचकों को पूरी तरह चुप करा दिया. इस बीच पूर्व क्रिकेटर और कमेंटर नवजोत सिंह सिद्धू ने भी गंभीर पर सवाल उठाने वालों पर हमला बोला है.
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सिद्धू ने किया गंभीर का बचाव
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को मौजूदा मुख्य कोच गौतम गंभीर की इंग्लैंड दौरे के दौरान उनके विश्वास की सराहना की और साथ ही उनके आलोचकों से पूछा कि क्या ओवल में 2-2 से ड्रॉ के लिए वे अब खड़े होकर उनका अभिवादन करेंगे. भारतीय टीम विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों के टेस्ट फॉर्मेट से संन्यास लेने के कुछ समय बाद ही इस दौरे के लिए रवाना हुई थी. टीम ने पांच टेस्ट की सीरीज में बेहतरीन क्रिकेट खेला और इंग्लैंड को उसकी ही सरजमीं पर ड्रॉ पर रोक दिया.
गंभीर को जाता है श्रेय
‘द ओवल’ में सीरीज के निर्णायक मैच में मिली शानदार जीत पर सिद्धू ने कहा कि टीम की सफलता का श्रेय गंभीर को भी जाता है. सिद्धू ने अपने यूट्यूब चैनल पर भारतीय मुख्य कोच के आलोचकों से पूछा, ‘‘हम नायकों की बहुत ज्यादा पूजा करते हैं. मैं कहना चाहता हूं कि जब भी भारत थोड़ा खराब खेलता है तो हर कोई गौतम गंभीर को दोषी ठहराने लगता है. क्या आप आज खड़े होकर उनका अभिवादन करेंगे? ’’,
उन्होंने कहा कि कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव को आजमाने से भले ही नतीजे मिले हों लेकिन उन्होंने गंभीर को श्रेय दिया जो अपने काम करने के तरीके की आलोचना के बावजूद अपने रुख पर अड़े रहे और युवाओं के लिए दरवाजे खोलते रहे.
सिद्धू ने कहा, ‘‘गंभीर ही थे जिन्होंने आकाशदीप और वाशिंगटन जैसे खिलाड़ियों को मौके दिए. कुलदीप शायद एक बेहतर विकल्प थे. लेकिन वह दृढ़ थे. सुधार की गुंजाइश तो आज भी और कल भी होगी. लेकिन जिस व्यक्ति की इतनी आलोचना की गई है, उसे आज वह सम्मान दें जिसके वह हकदार हैं. ’’
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