केपटाउन. भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ का 11 जनवरी को जन्मदिन है. भारत की ये दीवार इस दिन 49 साल की हो जाएगी. यही वो तारीख है जब मंगलवार को टीम इंडिया विराट कोहली की अगुआई में साउथ अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट जीतने के इरादे से मैदान में उतरेगी. अब अगर विराट सेना द्रविड़ को तोहफे में केपटाउन का किला जीतकर दे दे तो इससे बढि़या बात और क्या ही होगी. सेंचुरियन टेस्ट में जीत और जोहानिसबर्ग में हार के बाद टीम इंडिया के लिए ये सीरीज बराबरी पर खड़ी हो गई है. नतीजा केपटाउन से ही निकलेगा. अगर भारतीय टीम केपटाउन का किला फतह करती है तो दो इतिहास बनेंगे. एक केपटाउन में पहली जीत का तो दूसरा साउथ अफ्रीकी जमीन पर 29 साल में आठवां दौरा कर रही भारतीय टीम की पहली टेस्ट सीरीज जीत का. हालांकि विराट कोहली की वापसी के साथ मजबूत हुई भारतीय टीम के लिए ऐसा करना मुश्किल न सही लेकिन आसान भी नहीं रहेगा.
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बल्लेबाज तय करेंगे मैच का भविष्य
भारत के लिए मोहम्मद सिराज चोटिल होने के चलते इस मैच का हिस्सा नहीं होंगे. उन्हें पैर की मांसपेशियों में तकलीफ है. उनकी जगह ईशांत शर्मा को प्लेइंग इलेवन में जगह मिल सकती है, जबकि विराट के लिए हनुमा विहारी को जगह छोड़नी पड़ सकती है. केपटाउन की पिच को देखते हुए ये लड़ाई बल्लेबाजों के बीच मानी जा रही है. क्योंकि पेसर्स की मददगार पिच पर दोनों टीमों का तेज गेंदबाजी आक्रमण खतरनाक नजर आ रहा है. ऐसे में नतीजा टीम के बल्लेबाज ही तय करेंगे. ऐसे में विराट के आने से भारत को फायदा होना तय है.
अब तक ऐसा रहा सीरीज का हाल
भारत और साउथ अफ्रीका के बीच मौजूदा तीन मैचों की सीरीज की शुरुआत सेंचुरियन से हुई थी. यहां खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने 113 रनों से बड़ी जीत दर्ज कर सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई. इसके बाद जोहानिसबर्ग में टीम इंडिया कभी मैच न हारने के इतिहास के साथ दूसरा टेस्ट खेलने उतरी लेकिन इस बार इतिहास बदल गया. टीम इंडिया को इस मैदान पर अपनी पहली टेस्ट हार मिली. साउथ अफ्रीका ने जोहानिसबर्ग टेस्ट 7 विकेट से जीतकर सीरीज बराबरी पर लाकर खड़ी कर दी.
मौसम का मिजाज
भारत और साउथ अफ्रीका के बीच सेंचुरियन में खेला गया पहला टेस्ट और बारिश से प्रभावित रहा था. मैच में दूसरे दिन लगातार बारिश के चलते एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी थी. वहीं जोहानिसबर्ग में भी लगातार बारिश की आंख मिचौली चलती रही. कई बार खेल रुका. चौथे दिन तो शुरुआती दोनों सत्र बारिश से धुल गए. अब ऐसे में प्रशंसकों के मन में सवाल केपटाउन के मौसम को लेकर भी है. तो उसका जवाब हम दे देते हैं. केपटाउन टेस्ट के पांचों दिन अच्छी धूप खिली रहने का अनुमान मौसम विभाग ने जताया है. मतलब बारिश इस मैच में रोड़ा नहीं बनने वाली है.
पिच की किचकिच
केपटाउन की पिच तेज गेंदबाजों की मुफीद रहती है, ये बात किसी से छिपी नहीं है. इसे तेज गेंदबाजों के लिए स्वर्ग भी कहा जाता है. इस मैदान पर साउथ अफ्रीका के सभी दिग्गज तेज गेंदबाजों ने कहर बरपाया है. डेल स्टेन ने जहां 74 विकेट लिए, वहीं वर्नोन फिलेंडर के नाम इस मैदान पर 53 विकेट हैं, शॉन पोलाक के 51 विकेट वहीं युवा स्टार कगिसो रबाडा भी 35 विकेट ले चुके हैं. जबकि वर्तमान में टीम में वापसी करने वाले साउथ अफ्रीका के डुआने ओलिवियर से भी टीम इंडिया को सावधान रहना होगा. उन्होंने साल 2019 में पाकिस्तान के खिलाफ यहां पिछला टेस्ट मैच खेला था और 7 विकेट हासिल किए थे. यहां तक कि तीन साल पहले इस मैदान पर हुई भिड़ंत में भी सभी विकेट साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाजों ने लिए थे.
केपटाउन में क्या है हाल
भारतीय टीम का इस मैदान पर हाल बुरा है. टीम इंडिया ने केपटाउन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों में हिस्सा लिया है. इनमें उसे एक भी जीत नहीं मिली है. दो मैच ड्रॉ पर खत्म हुए तो तीन में भारतीय टीम को हार मिली. 1993 में खेला गया टेस्ट ड्रॉ पर खत्म हुआ था. साल 1997 में खेले गए टेस्ट में टीम इंडिया को 282 रन की करारी शिकस्त मिली. इसके बाद दोनों टीमें 2007 में टकराईं. इस बार भी भारतीय टीम को हार मिली. अंतर रहा पांच विकेट से जीत का. 2011 में टीम इंडिया मैच ड्रॉ कराने में कामयाब रही. इस मैदान पर साल 2018 में हुई पिछली भिड़ंत में भारतीय टीम ने 72 रनों से मैच गंवाया.
भारत की संभावित प्लेइंग इलेवन
मयंक अग्रवाल, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, ऋषभ पंत, शार्दुल ठाकुर, रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, ईशांत शर्मा.