Gautam Gambhir Head Coach : रोहित शर्मा की कप्तानी और राहुल द्रविड़ की निगरानी में वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली टीम इंडिया में अब नए अध्याय और नए युग की शुरुआत हो चुकी है. आईसीसी ट्रॉफी के साथ जहां राहुल द्रविड़ की विदाई हो चुकी है. वहीं गौतम गंभीर अब टीम इंडिया के अगले हेड कोच बन चुके हैं. ऐसे में साल 2011 का वर्ल्ड कप जीतने और उसके बाद क्रिकेट से संन्यास लेने वाले गौतम गंभीर ने राजनीति के मैदान में भी परचम लहराया. मगर राजनीति से दोबारा वह कैसे क्रिकेट की दुनिया में फिर से वापस आए. इसके पीछे अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन की एक कविता से जुड़ा कनेक्शन सामने आया है.
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गौतम गंभीर को इस कविता ने किया प्रेरित
दरअसल, गौताम गंभीर क्रिकेट से पूरी तरह संन्यास लेने के बाद पूर्वी दिल्ली से लोकसभा सांसद (बीजेपी) थे. लेकिन साल 2024 में उन्होंने राजनीति से किनारा कर लिया. जबकि इस बीच कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें बतौर कोच या मेंटोर टीम से जुड़ने का ऑफर दिया. इसके बाद गंभीर ने अपने परिवार और सभी करीबी लोगों से बातचीत की और उन्हें कोच बनने की तरफ हरिवंश राय बच्चन की एक कविता ने काफी प्रेरित किया. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार गौतम गंभीर ने उनकी एक कविता की पंक्ति का जिक्र किया कि मन का हो तो अच्छा और मन का ना हो तो ज्यादा अच्छा. इसी लाइन से प्रेरित होकर गंभीर ने क्रिकेट में दोबारा वापसी की और अब वह टीम इंडिया के हेड कोच बन चुके हैं.
श्रीलंका दौरे से गंभीर करेंगे आगाज
गौतम गंभीर की बात करें तो वह भारत के लिए साल 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जीत चुके हैं. इसके साथ ही गंभीर ने बतौर मेंटोर काम करते हुए केकेआर को पहली बार में ही आईपीएल 2024 का चैंपियन बनाया. गंभीर की बतौर मेंटोर सफलता को देखते हुए ही बीसीसीआई ने उन्हें अब टीम इंडिया का हेक कोच चुना है. गंभीर के कार्यकाल में अब टीम इंडिया 2025 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी, 2026 टी20 वर्ल्ड कप और 2027 वनडे वर्ल्ड कप खेलती नजर आएगी. गौतम गंभीर भारत के लिए इसी माह शुरू होने वाले श्रीलंका दौरे से अपने कार्यकाल का आगाज करेंगे.
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