ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल की धज्जियां उड़ाते हुए इसे एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी करार दिया. उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से मजबूत बोर्ड अपनी चला रहे हैं और फायदे के हिसाब से शेड्यूल बनवा रहे हैं जिससे टेस्ट क्रिकेट का नुकसान हो रहा है. चैपल को लगता है कि टेस्ट क्रिकेट में दो टियर सिस्टम लागू कर देना चाहिए था लेकिन आईसीसी के सामने अभी इससे भी जरूरी काम पड़े हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है.
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चैपल ने 'ESPNcricinfo' के अपने लेख में लिखा, 'एक उलझाने वाली समस्या सामने है. आईसीसी क्रिकेट नहीं चलाती है और जब तक कि मन में कोई बड़ा बदलाव न हो जाए तब तक आर्थिक रूप से मजबूत रहने वाले देश अपने फायदे का शेड्यूल बनाने के लिए दखल देते रहेंगे. पैसों के बंटवारे का बड़ा मसला है. तीन बड़े बोर्ड- भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड हैं और सबसे ज्यादा पैसे भी इन्हें ही मिलते हैं, फिर भी ये तीनों ज्यादा हिस्सेदारी की मांग करते हैं. आईसीसी में भारत की ताकतवर मौजूदगी है जो कि क्रिकेट की 70 फीसदी कमाई के हिसाब से ही है. यह जटिल मसला है जिसका क्रिकेट ने अभी तक कोई हल नहीं ढूंढ़ा है.'
चैपल का टू टियर टेस्ट सिस्टम को समर्थन
चैपल ने दो टियर टेस्ट सिस्टम पर कहा, ‘यह काफी पहले ही लागू हो जानी चाहिए थी क्योंकि कुछ टीमें ही पांच दिन के खेल में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हैं. वेस्ट इंडीज ने दर्शकों को खींचने की अपनी काबिलियत के जरिए आर्थिक मदद का अधिकार हासिल किया और अपराध होगा अगर उन्हें पीछे छोड़ दिया गया.’
अफगानिस्तान-आयरलैंड को टेस्ट दर्जा देने पर उठाए सवाल
चैपल ने इसके साथ ही कहा कि अफगानिस्तान और आयरलैंड जैसे देशों को टेस्ट दर्जा नहीं दिया जाना चाहिए था लेकिन स्वार्थवश यह कदम उठाया गया. उन्होंने कहा, ‘उनका टेस्ट दर्जा देने से आईसीसी ने महत्वपूर्ण मसलों पर उनके वोट मिलते हैं (इसलिए यह फैसला किया गया)। इसलिए आईसीसी को व्यापक रूप से एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के रूप में माना जाता है.'
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