नई दिल्ली। साउथ अफ्रीका के खिलाफ हाल ही में संपन्न हुई टेस्ट सीरीज के बाद जैसे ही भारत के विराट कोहली ने टेस्ट कप्तानी से इस्तीफे का ऐलान किया. तबसे क्रिकेट जगत में उनके अचानक से भारत की टेस्ट कप्तानी छोड़ने को लेकर दिग्गजों की बयान बाजी जारी है. कुछ का कहना है कि कोहली ने टेस्ट कप्तानी छोड़कर सही फैसला किया तो कुछ का मानना है कि उन्हें अभी कुछ और समय तक भारत की टेस्ट कप्तानी करते रहना चाहिए था. ऐसे में 7 साल तक टेस्ट टीम इंडिया की कप्तानी करने वाले कोहली के बारे में उनके साथ भारत के कोच रहे रवि शास्त्री ने स्पोर्ट्स तक से ख़ास बातचीत में कहा कि कोहली को अभी दो साल तक और टेस्ट टीम का कप्तान बने रहना चाहिए था. जिससे अगर उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में 50 से 60 जीत होती तो इस आंकड़े को कई लोग हजम नहीं कर पाते.
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कप्तानी छोड़ना कोहली का व्यक्तिगत फैसला
गौरतलब है कि कोहली ने भारत के लिए बतौर टेस्ट कप्तान कुल 68 टेस्ट मैचों की कप्तानी की, जिसमें उन्होंने 40 मैचों में जीत दिलाई, उनकी कप्तानी में भारत ने 17 टेस्ट गंवाए जबकि 11 मैच ड्रॉ रहें. इस तरह कोहली के शानदार आंकड़ों को देखते हुए शास्त्री ने ओमान में जारी Howzat लीजेंड्स क्रिकेट लीग के दौरान कहा, "विराट कोहली ने टेस्ट में पिछले 5-6 साल भारत का नेतृत्व किया और उनमें से पांच साल तक भारत नंबर एक टीम रही. इससे पहले होने वाले किसी भी भारतीय कप्तान के नाम यह रिकॉर्ड नहीं था. जबकि इस तरह के रिकॉर्ड के साथ दुनिया भर में कुछ ही कप्तान हैं. इसलिए जब सबसे सफल कप्तान के रूप में कोई पद छोड़ने का फैसला करता है तो यह एक इंसान का व्यक्तिगत निर्णय होता है क्योंकि उसका 40 जीत का रिकॉर्ड अभूतपूर्व है. इसलिए सिर्फ कोहली ही जानते हैं कि वह कप्तानी का कितना आनंद उठा रहे थे."
सचिन और धोनी की तरह कोहली ने भी छोड़ी कप्तानी
शास्त्री ने आगे सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी का उदाहरण देते हुए कहा, "जब सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी कप्तानी का आनंद नहीं उठा रहे थे तो वे छोड़कर चले गए. इसी तरह, जब विराट ने सोचा कि उसने 40 मैच जीते हैं और पिछले करीब 6 साल से कप्तान था और अब वह अपने क्रिकेट का आनंद लेना चाहता है. वह अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहते हैं और दबाव छोड़ना चाहता है तो उन्होंने ऐसा फैसला किया. ऐसा बहुत से लोगों के साथ होता है. सुनील गावस्कर, कपिल देव और सचिन तेंदुलकर ने अपने खेल पर ध्यान देने के लिए कप्तानी छोड़ी तो विराट के दिमाग में भी यही बात थी."
दो साल और बने रह सकते थे कप्तान
वहीं शास्त्री ने अंत में कहा कि कोहली को अभी दो साल तक और कप्तान बने रहना चाहिए था. जिससे उनका रिकॉर्ड लोगों को हजम नहीं होता. शास्त्री ने कहा, "निश्चित रूप से, वह कम से कम 2 वर्षों तक भारत का नेतृत्व कर सकता था क्योंकि अगले दो वर्षों में भारत घर पर खेल रहा होगा और 9 व 10 रैंकिंग वाली टेस्ट टीम आ रही है. इस तरह वह अपनी कप्तानी में 50-60 जीत हासिल कर लेते तो बहुत से लोग इस आंकड़े को पचा नहीं पाते. लेकिन हमें उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए. किसी भी अन्य देश में इस तरह का रिकॉर्ड अविश्वसनीय है. आप ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड के खिलाफ जीते और दक्षिण अफ्रीका से 1-2 से हारे लेकिन फिर भी बहस चल रही है कि उन्हें कप्तान होना चाहिए या नहीं."