चेन्नई सुपर किंग्स के साथ आईपीएल जीतने वाला खिलाड़ी स्किन कैंसर से लड़ रहा जंग, धूप में खेलना बनी वजह

इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज सैम बिलिंग्स (Sam Billings) ने खुलासा किया है कि वह त्वचा कैंसर से जूझ रहे हैं और ज्यादा देर तक धूप में रहने के खतरों को लेकर अपने साथी खिलाड़ियों में जागरूकता पैदा करना चाहते हैं.

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इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज सैम बिलिंग्स (Sam Billings) ने खुलासा किया है कि वह त्वचा कैंसर से जूझ रहे हैं और ज्यादा देर तक धूप में रहने के खतरों को लेकर अपने साथी खिलाड़ियों में जागरूकता पैदा करना चाहते हैं. बिलिंग्स ने पिछले साल अपने सीने पर से घातक मेलेनोमा को हटाने के लिए दो ऑपरेशन करवाए थे. उन्होंने मंगलवार (9 मई) को सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी थी. अपनी काउंटी टीम कैंट में नियमित जांच के दौरान पता चला था कि उन्हें त्वचा कैंसर है.

 

इस 31 साल के खिलाड़ी ने टेलीग्राफ से कहा, ‘मेरे शरीर में मेलेनोमा था जो 0.6 मिमी (गहरा) था. जब यह 0.7 मिमी गहरा हो जाता तो फिर यह वास्तव में गंभीर बन जाता, क्योंकि यह उस सीमा तक पहुंचने के बेहद करीब था. अगर मैं उस दिन जांच कराने के बजाय बैठक में चला जाता तो फिर मुझे अगले छह महीने तक इंतजार करना होता और तब यह बेहद गंभीर हो जाता.’ बिलिंग्स ने इंग्लैंड के लिए तीन टेस्ट, 28 वनडे और 37 टी20 मैच खेले हैं. वह इस समय काउंटी क्रिकेट खेल रहे हैं. वह आईपीएल का भी हिस्सा रहे हैं और चेन्नई सुपर किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, दिल्ली कैपिटल्स जैसी टीमों का हिस्सा रहे हैं. 2018 में जब चेन्नई ने आईपीएल जीता था तब वे इस टीम का हिस्सा थे.

 

साथी खिलाड़ियों को धूप को लेकर किया आगाह

 

उन्होंने साथी खिलाड़ियों और प्रशंसकों को धूप में ज्यादा समय बिताने के खतरों से आगाह किया. बिलिंग्स ने कहा, ‘मैं केवल पेशेवर मैचों की ही बात नहीं कर रहा हूं. क्लब क्रिकेटर और खेल को देखने वाले लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. मैं हाल में लॉर्ड्स में खेला था और धूप खिली थी. भले ही तापमान 25 डिग्री नहीं था लेकिन 18 डिग्री पर भी आपको धूप से नुकसान पहुंच सकता है. हम लोग सनक्रीम लगाकर इससे बचने की कोशिश करते हैं मगर यहां पर ऑस्ट्रेलिया की तुलना में जानकारी कम है. मैं चाहता हूं क्रिकेट में इस खतरे को लेकर सभी मिलकर काम करें. अगर धूप खिली हो तो अपना बचाव करें.’

 

उन्होंने कहा कि इस खतरनाक बीमारी से लड़ने के दौरान उन्हें जरूरी चीजों को समझने में मदद मिली. उन्होंने कहा, 'इससे मुझे अच्छा दिखने वाले फैसलों के बजाए वह फैसले लेने में मदद मिली जो मेरे लिए जरूरी है. मैं सालों से यह करने की कोशिश कर रहा था और कई बार तो इसमें पानी ले जाना भी शामिल रहा. आपको अहसास होता है कि क्रिकेट सबकुछ नहीं है. यह काफी जरूरी है लेकिन आपको बाकी चीजों को भी देखना होता है. इसने मुझे काफी संवेदनशील बनाया.' 

 

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