The Ashes : एशेज यानी राख और इसी राख के चलते एक सदी पहले शुरू हुई थी ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच क्रिकेट के मैदान पर जंग, जो आज भी जारी है. 21 नवंबर से ऑस्ट्रेलिया में एक बार फिर दोनों के बीच एशेज की जंग होगी. जिसके लिए प्लेयर्स के साथ साथ दर्शक भी तैयार हैं. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज को एशेज कहा जाता है और इसके शुरुआत कहानी करीब 143 साल पुरानी है. साल 1882 में एक न्यूज पेपर में पब्लिश शोक संदेश से एशेज की शुरुआत हुई थी, जो बाद में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच क्रिकेट की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विता का प्रतीक बन गई.
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ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज को लेकर चली आ रही यह प्रतिद्वंद्विता एक सदी से भी ज्यादा पुरानी है. एशेज सीरीज इंटरनेशनल खेलों की सबसे पुरानी और सबसे जानी मानी प्रतिद्वंद्विताओं में से एक है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच टेस्ट क्रिकेट शामिल हैं.
1882 में एशेज शब्द का पहली बार इस्तेमाल
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत 1877 में यानी 148 साल पहले हुई थी. खेल के नियमों के संरक्षक मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के अनुसार एशेज शब्द का पहली बार इस्तेमाल अगस्त 1882 में द स्पोर्टिंग टाइम्स में छपे एक तंज वाले शोक संदेश के लेख में हुआ था, जब इंग्लैंड की टीम पहली बार घरेलू जमीं पर ऑस्ट्रेलिया से हार गई थी.
शपथ लेकर ऑस्ट्रेलिया का दौरा
इस शोक संदेश में कहा गया था कि इंग्लिश क्रिकेट का अंतिम संस्कार किया जाएगा और एशेज यानी राख को ऑस्ट्रेलिया ले जाया जाएगा. इंग्लैंड के कप्तान इवो ब्लाई ने उसी साल बाद में एशेज वापस लाने की शपथ लेकर अपनी टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया.
फैन ने टेराकोटा कलश भेंट किया
इंग्लैंड की जीत के बाद एक फैन ने ब्लाई को एशेज के प्रतीक के रूप में एक छोटा सा टेराकोटा कलश भेंट किया और इस तरह एशेज और कलश का अटूट संबंध हो गया. उसी दिन ब्लाई की मुलाक़ात एक लड़की से हुई, जो बाद में उनकी हमसफर बनीं. यह कपल उस कलश को अपने साथ इंग्लैंड ले गया और ब्लाई के निधन तक यह उनके परिवार के पास ही रहा. बाद में इसे एमसीसी को सौंप दिया गया. इस तरह से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एशेज सीरीज की शुरुआत हुई.
बॉडीलाइन सीरीज
एशेज में इसके बाद इन दोनों देशों के बीच कई कड़े मुकाबले देखने को मिले. इनमें 1932-33 की ‘बॉडीलाइन’ सीरीज भी शामिल है, जिसमें इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों में विशेष कर डॉन ब्रैडमैन को रोकने के लिए शरीर को निशाना बनाकर गेंदबाजी की थी. इसके बाद नियमों में बदलाव किया गया, ताकि भविष्य में कोई टीम ऐसा नहीं कर पाए.
बॉल ऑफ द सेंचुरी
शेन वॉर्न ने 1993 में ओल्ड ट्रैफर्ड में एशेज में की गई अपनी पहली गेंद पर ही माइक गैटिंग को बोल्ड किया था. काफी ज्यादा टर्न लेने वाली इस गेंद को बाद में बॉल ऑफ़ द सेंचुरी चुना गया था.
2017 से ऑस्ट्रेलिया के पास एशेज
एशेज 2017 से ऑस्ट्रेलिया के पास है और इंग्लैंड को उसे वापस पाने के लिए जमीन आसमान एक करना होगा. इंग्लैंड ने 2011 से ऑस्ट्रेलिया में कोई टेस्ट मैच नहीं जीता है. उसने ऑस्ट्रेलिया में पिछली सीरीज भी 2011 में ही जीती थी.
पर्थ में शुरू होगी सीरीज
पांच टेस्ट मैचों की सीरीज शुक्रवार से पर्थ में शुरू होगी. दूसरा टेस्ट ब्रिस्बेन के गाबा में चार दिसंबर से शुरू होगा, जो डे नाइट टेस्ट होगा. तीसरा टेस्ट एडिलेड ओवल में 17 से 21 दिसंबर तक खेला जाएगा. मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड अपने पारंपरिक बॉक्सिंग डे टेस्ट की मेजबानी 26 दिसंबर से करेगा और पांचवां टेस्ट सिडनी में चार जनवरी से शुरू होगा.
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