वीमेंस क्रिकेट लीग (Womens Cricket League) के आने से महिला क्रिकेट में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. वहीं भारतीय क्रिकेट को भी एक अलग पहचान मिली है. नीलामी के बाद कई महिला क्रिकेटरों की जिंदगी बदल गई है. फ्रेंचाइजी ने इन महिला क्रिकेटरों पर करोड़ों रुपए बरसाए हैं. लेकिन एक भारतीय महिला क्रिकेटर ऐसी हैं जिनके पिता नीलामी के बाद खुश नहीं हैं. हम पूजा वस्त्राकर की बात कर रहे हैं. पूजा वस्त्राकर (Pooja Vastrakar) के पिता बंधन राम को उनकी बेटी ने टी20 वर्ल्ड कप के लिए रवाना होने से पहले 15 लाख की कार गिफ्ट की थी. लेकिन अब बंधन राम ने इसे पैसी की बर्बादी बताई है. सोमवार को 23 साल की पूजा को मुंबई इंडियंस ने वीमेंस प्रीमियर लीग नीलामी में 1.9 करोड़ रुपए में अपनी टीम में लिया.
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पूजा वस्त्राकर के पिता ने लगाई डांट
नीलामी में इतनी बड़ी रकम मिलने के बाद पूजा के पिता ने अब अपनी बेटी को इस रकम की एफडी कराने की सलाह दे दी है. इंडियन एक्सप्रेस के साथ खास बातचीत में बंधन ने कहा कि, बहुत पैसा बर्बादी करती है. मैं चाहता हूं कि ये सारे पैसे का एफडी करा ले. मैं चाहता हूं कि वो अपना फिक्स्ड डिपोजिट अकाउंट खोले. बंधन बीएसएनएल से रिटायर्ड हैं और उन्होंने बताया कि, उन्हें कभी भरोसा नहीं था कि उनकी बेटी एक दिन भारत के लिए क्रिकेट खेलेगी. लेकिन उसकी मेहनत रंग लाई.
बंधन राम को नहीं था बेटी पर भरोसा
बता दें कि पूजा अपने 7 भाई बहनों में सबसे छोटी हैं. पूजा के 2 भाई और 4 बहनें हैं. पूजा शुरुआत से ही अपने पिता की फेवरेट रही हैं. पूजा के पिता ने बताया कि, जब वो मुझसे क्रिकेट के लिए पैसे मांगती थी तब मैं उसे यही कहता था कि वो अपना समय बर्बाद कर रही है. लेकिन वो मुझे कहती थी कि, आप देखना मैं इंडिया खेलूंगी. बंधन राम ने कहा कि, वो चाहते हैं कि उनकी बेटी वर्ल्ड कप टाइटल जीते. पूजा को उनकी बड़ी बहन उषा ने क्रिकेट में एंट्री कराई. उनकी बड़ी बहन भी एथलेटिक्स में रह चुकी हैं.
पूजा की बहन ने दिया साथ
उषा ने पूजा को लेकर कहा कि, आठ-नौ बजे तक वह लड़कों के साथ गली में क्रिकेट खेलती थी. फिर आशुतोष सर ने उसे मैदान पर खेलते हुए देखा और वो हमारे घर आए. इसके बाद उन्होंने मेरे पिता से कहा वो पूजा को अपनी अकादमी में शामिल करना चाहते हैं. एक साल बाद, जब मेरी मां का निधन हो गया, तो उसने अकादमी जाना बंद कर दिया. मुझे इसके बारे में पता चला जिसके बाद मैं वापस उसे अकादमी लेकर गई. इसके बाद से उसने एक भी सेशन मिस नहीं किया. मुझे खुशी है कि वह अपने जुनून को आगे बढ़ा रही है. हमें उसकी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है.
वहीं पूजा के कोच ने कहा कि, मैंने उसे शहडोल के नगर निगम के मैदान में खेलते हुए देखा था. टेनिस बॉल क्रिकेट में एक बच्चे को छक्के उड़ाते देखा. इसके बाद मैंने उनमें से एक बच्चे से पूछा, यह लड़का कौन है, तो जवाब था, 'सर ये तो लड़की है.' अकादमी में लाने के बाद पूजा के कोच ने उन्हें खूब ट्रेनिंग दी और लड़कों के साथ भी खिलाया. कोच ने आगे कहा कि, वो अपने उम्र की लड़कियों में बेस्ट थी. इसलिए मैंने उसे लड़कों की अंडर 14 टीम में डाला. इसके बाद पूजा उसमें भी बेस्ट साबित हुई.
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