कतर में जारी फीफा वर्ल्ड कप 2022 के दौरान अफ्रीकी देश मोरक्को (Morocco) का करिश्मा जारी है. पहले स्पेन और अब पुर्तगाल को हराकर मोरक्को की टीम ने फीफा वर्ल्ड कप में दो बड़े उलटफेर किए. जिसके बाद अब इस टीम का नाम पूरी दुनिया में चर्चित हो गया है. मोरक्को की जीत का जश्न सिर्फ उनका देश ही नहीं बल्कि अब पूरा अफ्रीका मना रहा होगा. क्योंकि अफ्रीकी नेशंस से आने वाली मोरक्को की टीम फीफा वर्ल्ड कप के 92 सालों के इतिहास में सेमीफाइनल तक जाने वाली पहली टीम बनी है. इससे पहले अभी तक ये कारनामा और कोई अफ्रीकी टीम नहीं कर सकी है. ऐसे में मोरक्को की टीम ने कैसे चार महीने पहले नए कोच और 14 विदेश में जन्में खिलाड़ियों के साथ जीत का प्लान बनाया. इसकी जानकारी सामने आई है.
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चार महीने पहले बदला मैनेजर
मोरक्को की टीम अफ्रीकी नेशन से आती है और चार महीने पहले ही इसके पूर्व मैनेजर वाहिद हलीहोजिक को ऑफ द फील्ड कारणों के चलते बर्खास्त कर दिया गया था. हालांकि तब तक मोरक्को की टीम फीफा वर्ल्ड कप 2022 के लिए क्वालिफाई कर चुकी थी और उसकी टीम को अब नए मैनेजर की तलाश थी. इस तरह जब मोरक्को के मैनेजर को पद से हटाया गया. उस समय काफी हंगामा हुआ क्योंकि हलीहोजिच छोटी टीमों को फीफा वर्ल्ड कप तक पहुंचाने में माहिर थे. मगर एक बार जब रॉयल मोरक्कन फुटबॉल फेडरेशन ने फैसला सुनाया तो पीछे नहीं हटा.
वालिद ने बनाया मजबूत प्लान
इस तरह फीफा वर्ल्ड कप 2022 को समीप आता देख मोरक्को फुटबॉल फेडरेशन ने वालिद रेगरागुई को मोरक्को टीम का मैनेजर नियुक्त किया गया. वालिद खुद फ्रांस में जन्में थे. लेकिन उनके पास भी मोरक्को की नागरिकता है. इन्होने पूरी टीम को एकत्र किया और मजबूत डिफेंसिव 4-3-3 के फॉर्मेशन से लो डिफेंसिव ब्लॉक तैयार किया. जिसक मतलब है कि खिलाड़ी काफी डीप तक जाकर विरोधी टीम को गोल करने नहीं देते हैं. इसी प्लान के साथ मोरक्को ने फीफा वर्ल्ड कप में दमदार खेल दिखाया और पुर्तगाल के स्ट्राइकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो भी उनके डिफेंस को भेद नहीं सके. जिसके चलते मोरक्को ने एक गोल दागकर ही अपनी जीत तय कर डाली. इस तरह चार महीनों में मजबूत डिफेंस के साथ मोरक्को की टीम अभी तक फीफा वर्ल्ड कप में 5 मैचों में सिर्फ एक गोल खाई है. जो कि आत्मघाती गोल था. इस तरह उनका डिफेंस ही अभी तक उनकी ताकत बना हुआ है.
मोरक्को की टीम में शामिल विदेशी खिलाड़ी
मोरक्को की टीम में शामिल 26 खिलाड़ियों में सिर्फ 12 खिलाड़ी ही ऐसे हैं, जो मोरक्को में पैदा हुए हैं. जबकि उनकी टीम में शामिल 14 खिलाड़ी विदेशों में जन्में हैं. जिनमे हाकिम जियेक, सोफियान बुफाल, रोमेन सैस, अशरफ हकीमी और गोलकीपर यासीन बूनो भी प्रमुख तौरपर शामिल हैं. इस तरह 14 विदेशी खिलाड़ियों के साथ मिलकर फीफा वर्ल्ड कप में मोरक्को की गाड़ी जीत की पटरी पर चल रही है.
मोरक्को की टीम में शामिल सभी विदेशी खिलाड़ियों के नाम :-
यासीन बूनो - जन्म 1991, कनाडा
मुनीर मोहम्मद - जन्म 1989, स्पेन
अशरफ हकीमी - जन्म 1998, स्पेन
नूस्सैर मजरौई - जन्म 1997, नीदरलैंड्स
रोमन सैस - जन्म 1990, फ्रांस
सोफियान अमरबाट - जन्म 1996, नीदरलैंड्स
इलियास चेयर - जन्म 1997, बेल्जियम
सेलिम अमाल्लाह - जन्म 1996, बेल्जियम
बिलाल अल खानौस - जन्म 2004, बेल्जियम
हाकिम ज़ियेक - जन्म 1993, नीदरलैंड्स
एनास जरौरी - जन्म 2000, बेल्जियम
ज़कारिया अबुखलाल - जन्म 2000, नीदरलैंड्स
सोफियान बुफाल - जन्म 1993 , फ्रांस
वालिद चेदिरा - जन्म 1998 , इटली
मोरक्को का टर्निंग पॉइंट
मोरक्को का फीफा वर्ल्ड कप में करिश्माई सफर जारी है. इसमें सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट उनका ग्रुप एफ में मजबूत बेल्जियम को मात देना रहा. मोरक्को के लिए बेल्जियम के खिलाफ रोमेन सैस और जकारिया अबुखलाल ने गोल दागे. जिसके चलते उनकी टीम ने बेल्जियम को 2-0 से हराकर राउंड ऑफ़ 16 की तरफ मजबूत कदम बढ़ाया था.
मोरक्को ने कुल गोल किए :- 5 गोल
मोरक्को की टीम कुल गोल खाई :- 1 गोल
मोरक्को के लिए अभी तक सबसे अधिक गोल करने वाला खिलाड़ी : - युसुफ एन-नेसरी(2 गोल)
सेमीफाइनल में मोरक्को का किससे और कब व कहां होगा सामना
सेमीफाइनल मैच में मोरक्को का सामना 14 दिसंबर को फ्रांस से अल बायत स्टेडियम में होगा. इसका प्रसारण भारत में 14 दिसंबर की रात को 12:30 बजे से स्पोर्ट्स 18 चैनल पर होगा. जबकि लाइव स्ट्रीमिंग जियो सिनेमा एप पर होगी.
पहला मैच
अफ्रीका से आने वाली मोरक्को का पहले मैच में पिछले बार साल 2018 की रनरअप क्रोएशिया से था. जिसमें मोरक्को का डिफेंस दीवार की तरह गोल पोस्ट के सामने खड़ा रहा और उसने क्रोएशिया को एक भी गोल दागने नहीं दिया. इस तरह मोरक्को ने पहला मैच गोलरहित ड्रॉ पर समाप्त किया.
दूसरा मैच
दूसरे मैच में मोरक्को का करिश्मा शुरू हुआ और उसने केविन डी ब्र्युने, रोमेलु लुकाकू और थिबाउट कोर्टोइस जैसे स्टार खिलाड़ियों से सजी बेल्जियम की गोल्डन जेनरेशन को 2-0 से हराकर बड़ा उलटफेर कर डाला. 22वीं रैंक वाली मोरक्को ने नंबर दो रैंक वाली बेल्जियम को एक भी गोल नहीं करने दिया. उनकी तरफ से रोमेन सैस और जकारिया अबुखलाल ने गोल दागकर अपनी टीम को आगे बढाया.
तीसरा मैच
ग्रुप स्टेज के अंतिम मैच में मोरक्को ने कमजोर कनाडाई टीम को भी नहीं छोड़ा और उनके खिलाफ 2-1 से शानदार जीत दर्ज की. इस मैच में मोरक्को के लिए हाकिम जियेक और युसुफ एन-नेसरी ने गोल किया. जबकि उनकी टीम के नईफ अगुएर्ड ने आत्मघाती गोल कर दिया था. हालांकि इसका फायदा कनाडा नहीं उठा सकी और मोरक्को ने कनाडा को हराने के साथ राउंड ऑफ़ 16 में जगह बनाई.
राउंड ऑफ़ 16
राउंड ऑफ़ 16 में मोरक्को की टीम ने फिर से एक और बड़ा करिश्मा करके दिखा डाला. युवा सितारों से सजी स्पेन की टीम को मोराक्को ने पेनल्टीशूटआउट में हराया. इस मैच में एक्स्ट्रा टाइम तक कोई गोल नहीं हुआ और फिर मोरक्को ने पेनल्टी शूटआउट में स्पेन को 3-0 से हराकर बाहर का रास्ता दिखा दिया. पेनल्टी में अब्देलहामिद सबीरी, हाकिम ज़ियेक और अशरफ हकीमी ने मोरक्को के लिए गोल किए. जबकि गोलकीपर यासिन बूनो ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए दो शानदार बचाव किए.
क्वार्टरफाइनल
बेल्जियम और स्पेन जैसी बड़ी टीमों को हराने के बाद भी मोरक्को का करिश्माई सफर समाप्त नहीं हुआ और सेमीफाइनल मैच में क्रिस्टियानो रोनाल्डो की पुर्तगाल को हराकर एक और बड़ा उलटफेर कर डाला. मोरक्को ने जैसे ही पुर्तगाल को 1-0 से हराया. वह अफ्रीकी नेशंस से फीफा वर्ल्ड कप के इतिहास में सेमीफाइनल पहुंचने वाली पहली टीम बन गई.
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