डोपिंग की मार, मेडल की कमी और IOA में घमासान, 2036 ओलिंपिक की मेजबानी चाह रहे भारत को IOC से मिला दो-टूक जवाब

भारत ने कभी ओलिंपिक की मेजबानी नहीं की है. अब उसकी कोशिश है कि 2036 की मेजबानी हासिल की जाए और अहमदाबाद में ये खेल कराए जाने की योजना बनाई जा रही है.

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LA olympics flag in the frame

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भारत का ओलिंपिक में प्रदर्शन कमजोर रहा है.

2024 पेरिस ओलिंपिक में भारत को सात ही मेडल मिले थे.

भारत 2036 ओलिंपिक की मेजबानी करना चाहता है. इस संबंध में एक भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (IOC) से मुलाकात की. 1 जुलाई को लुसान में ओलिंपिक हेडक्वार्टर में मुलाकात के दौरान आधिकारिक तौर पर अहमदाबाद का दावा पेश किया गया. लेकिन IOC ने साफ संदेश दिया और कहा कि पहले जो चीजें गड़बड़ हैं उन्हें ठीक करो इसके बाद आगे की योजना बनाई. इसके तहत भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) में चल रहे घमासान को भी सुलझाने की सलाह दी गई. भारत ने अभी तक कभी ओलिंपिक की मेजबानी नहीं की. अब कोशिश की जा रही है कि 2036 में अहमदाबाद में दुनिया के खेल महाकुंभ कराए जाए.

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गुजरात के गृह व खेल मंत्री हर्ष सांघवी के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधि मंडल लुसान गया था. इसमें IOA की प्रेसीडेंट पीटी ऊषा भी शामिल थी. साथ ही केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारी, IOA अधिकारी और कॉर्पोरेट एग्जीक्यूटिव भी साथ गए थे. The Indian Express की रिपोर्ट कहती है कि IOC की तरफ से भारतीय ओलिंपिक संघ को लेकर कुछ चिंताएं जाहिर की गईं. इनमें IOA में प्रशासनिक स्तर पर चल रही खींचतान, डोपिंग के मकड़जाल और ओलिंपिक्स में भारत के कमजोर प्रदर्शन की तरफ ध्यान दिलाया गया. भारत ने पेरिस में 2024 ओलिंपिक में केवल छह मेडल जीते थे और इनमें कोई गोल्ड नहीं था. भारत 71वें पायदान पर रहा था.

मीटिंग में क्या हुआ, अधिकारी ने बताया

 

रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से लिखा है, बिना लाग-लपेट के कहा गया कि भारत भविष्य के ओलिंपिक की तैयारी के लिए तैयारी जारी रख सकता है लेकिन उसे अपनी समस्याओं को सुलझाना होगा. पूरी मीटिंग का यही लब्बोलुआब था. हमें साफ कह दिया गया कि ओलिंपिक की मेजबानी को लेकर गंभीरता से बात शुरू होने से पहले IOA को अपनी दिक्कतें सुलझानी होगी. इसके बाद ही कुछ हो पाएगा. 

अक्टूबर 2024 से IOC ने भारतीय ओलिंपिक संघ में प्रशासनिक गतिरोध के चलते खिलाड़ियों के कल्याण के लिए दी जाने वाली रकम रोक रखी है. उसकी तरफ से कहा गया कि जब तक हालात नहीं सुधरते हैं तब तक पैसे नहीं दिए जाएंगे. 

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