प्रीति पाल ने भारत को पेरिस पैरालिंपिक में ऐतिहासिक मेडल दिलाया. उन्होंने विमेंस 100 मीटर टी-35 में ब्रॉन्ज जीता. वो पैरालिंपिक में ट्रैक इवेंट में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गई हैं. एक तरफ जहां पूरा देश उनके इस ऐतिहासिक मेडल का जश्न मना रहा है, वहीं दूसरी तरफ उन्हें खुद अभी तक यकीन नहीं हुआ कि उन्होंने देश के लिए मेडल जीत लिया है.
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मेडल जीतने के बाद प्रीति काफी इमोशनल हो गईं. उन्होंने बताया कि सबने उनके बारे में ये कहा था कि उनसे नहीं हो पाएगा. ऐतिहासिक जीत के बाद प्रीति ने कहा-
मुझे अभी तक खुद भी यकीन नहीं हो रहा कि मेरा मेडल आ गया है. ये मेरा पहला पैरालिंपिक था, जिसमें मेरा मेडल आ गया. मुझे बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा. मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा कि वीमेंस एथलेटिक्स में मेरा पहला मेडल है.
इसके लिए मुझे सपोर्ट करने और मोटिवेट करने के लिए सभी का शुक्रिया. सब बोल रहे थे कि इससे नहीं हो पाएगा, मगर परिवार, कोच ने मुझे मोटिवेट किया. सिमरन दी ( भारतीय पैरा एथलीट सिमरन शर्मा) खुद भी रो रही हैं. वो बोल रही हैं कि मेडल आ गया.
प्रीति ने 14.21 सैकंड के समय के ब्रॉन्ज जीता. ये उनका पर्सनल बेस्ट भी है. इस इवेंट में चीन की झोउ जिया ने गोल्ड और उनकी हमवतन गुओ कियानकियान ने सिल्वर जीता. प्रीति की ये करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने इससे पहले इस साल वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीता था और ओलिंपिक कोटा हासिल किया था. एशियन पैरा गेम्स 2022 में वो करीबी अंतर से दो बार मेडल से चूक गई थीं.
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