चीन के हांगझोउ में जारी एशियन गेम्स 2023 (Asian Games) में भारतीय शूटर्स ने मेडल्स की झड़ी लगा रखी है. जिस कड़ी में 23 साल की सिफत कौर समरा (Sift Kaur Samra) ने पहली बार एशियन गेम्स में खेलते हुए गोल्डन निशाने से वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला. सिफत ने शूटिंग में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया. जिसके साथ ही उनका नाम चर्चा का विषय बन गया और अब हर कोई जानना चाह रहा है कि आखिर कौन है सिफत कौर समरा, जिन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई छोड़कर निशानेबाजी में धमाल मचा डाला.
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पंजाब की रहने वाली हैं सिफत
सिफत की बात करें तो वह शुरू से पढ़ाई में काफी अच्छी थी. उनका जन्म 9 सितंबर 2001 में पंजाब के एक साधारण परिवार में हुआ था. सिफत हाल ही में फरीदकोट में जीजीएस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई और निशानेबाजी दोनों के बीच किसी एक को चुनने को लेकर असमंजस में थी. तभी उनके माता-पिता ने सिफत का साथ दिया और पढ़ाई छोड़कर शूटिंग को अपनाने में समर्थन दिया. इसके बाद सिफत ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और चीन में होने वाले एशियन गेम्स मने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकार गोल्ड मेडल हासिल कर डाला.
इसलिए छोड़ी डॉक्टरी की पढ़ाई
सिफत ने एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़ने और शूटिंग में करियर बनाने को लेकर भाषा से बातचीत में कहा कि इस साल मार्च महीने में मैंने डॉक्टरी की पढ़ाई छोड़ दी और अब अमृतसर से जीएनडीयू से ‘बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स’ कर रही हूं. मेरे माता-पिता ने ही एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़ने को कहा था. जिसके बाद फिर मैंने पलटकर पीछे नहीं देखा. मैं अब लोकसेवा में भी जा सकती हूं."
मेरे 'कजन' ने बनाया निशानेबाज
सिफत ने आगे कहा कि मैं शुरू से निशानेबाज नहीं बनना चाहती थी. मेरे 'कजन' जो एक शॉटगन निशानेबाज हैं. उन्होंने मुझे शुरू में शूटिंग सिखाई और उसके बाद मैंने स्टेट लेवल पर बेहतरीन प्रदर्शन किया. तभी मेरे सभी रिश्तेदारों ने माता-पिता से कहा कि मुझे निशानेबाजी करनी चाहिए और मैं यहां तक आ सकी.
सिफत ने जीता गोल्ड और सिल्वर
एशियन गेम्स में सिफत ने 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन में 469.5 पाइंट्स के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल पर कब्ज़ा जमाया. इससे पहले इसी स्पर्धा में 467 अंक ग्रेट ब्रिटेन के सियोनैड मैकिन्टोश ने बनाए थे. जिन्हें पछाड़कर सिफत ने नया कीर्तिमान रच डाला. इसके बाद सिफत के मेडल जीतने का सिलसिला नहीं रुका और उन्होंने 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन के टीम इवेंट में भी आशी चौकसी और मनिनी कैशिक के साथ मिलकर सिल्वर मेडल पर भी कब्जा जमाया.
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