एशियन गेम्स के 19वें एडिशन की शुरुआत हांगझोऊ में हो चुकी है. हालांकि ऑफिशियल ओपनिंग सेरेमनी 23 सितंबर को होगी, मगर क्रिकेट, टेबल टेनिस सहित कुछ खेलों की शुरुआत 19 सितंबर से हो गई थी. इस एडिशन में 40 खेलों के 61 इवेंट में हजारों खिलाड़ी मैदान पर उतरेंगे. इस बार क्रिकेट, चेस सहित कुछ खेलों की भी वापसी हुई है. इनमें से कुछ खेल ऐसे भी हैं, जिनके नाम इससे पहले शायद ही कभी सुने होंगे.
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Go: इस खेल को दुनिया के सबसे पुराने बोर्ड गेम्स में से एक माना जाता है. इसकी शुरुआत करीब 2500 साल पहले हुई थी. इसमें भी 2 प्लेयर्स होते हैं और प्लेयर्स बोर्ड पर काले और सफेद रंग के स्टोन्स से खेलते हैं. प्लेयर्स का टारगेट ज्यादा से ज्यादा जगह को घेरना होता है. प्लेयर्स बारी-बारी से अपने स्टोन्स को बोर्ड के खाली बॉक्स में रखते हैं. अगर प्लेयर ने एक बार स्टोन को बॉक्स में रख दिया तो उसे वहां से नहीं हटा सकता. अगर किसी प्लेयर का स्टोन विरोधी खिलाड़ी के स्टोन से घिर जाता है तो उस स्टोन को हटा दिया जाता है. ऐसे में उस प्लेयर की मुश्किल बढ़ जाती है.
Dragon Boat: ड्रैगन बोट एक तरह की बोट रेस है, मगर इसके बोट काफी मायने रखते है. इस रेस की नाव काफी लंबी होती है, जिसका आगे और पिछला हिस्सा ड्रैगन के सिर और पूंछ की तरह होता है. इस नाव को 10 से 50 पैडलर्स मिलकर चलाते हैं. इस एशियन गेम्स में 200, 500 और 1000 मीटर की रेस है.
Kurash: कुराश एक तरह की रेसलिंग है. रेसलिंग और कुराश में फर्क ये है कि कुराश में विपक्षी खिलाड़ी की जैकेट को पकड़ा जाता है. इसमें रेसलिंग की तरह ट्राउजर या फिर पैर को नहीं पकड़ा जाता. इसमें खिलाड़ी का टारगेट विपक्षी को उसके बैक पर गिराकर पूरा कंट्रोल हासिल करना होता है, जिससे मुकाबला खत्म हो जाता है.
Xiang: श्यांगची चेस का चाइनीज वर्जन है. चेस और श्यांगची में बड़ा अंतर बोर्ड का है. श्यांग्ची के बोर्ड को एक नदी (सांकेतिक) से दो हिस्सो में बांटा जाता है, जिसे सभी मोहरे पार नहीं कर सकते. 2010 एशियन गेम्स के बाद अब इस खेल की वापसी हुई है.
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