भारत के ओलिंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मालिक और विनेश फोगाट सहित तमाम पहलवान जनवरी माह के बाद एक बार फिर दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए हैं. महिला पहलवानों ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया और अस्थायी तौरपर निलंबित मुखिया ब्रज भूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थिति पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई है. हालांकि एफआईआर नहीं दर्ज की गई है. इस बार पहलवानों का कहना है कि जब तक यौन शोषण के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता. तब तक कोई भी पहलवान धरने से वापस नहीं जाने वाला है. इसी बीच भारतीय पहलवानो के समर्थन में पूर्व फिजियो परमजीत मलिक भी सामने आए हैं और उन्होंने कई बड़े खुलासे कर डाले हैं. परमजीत ने आज तक से बातचीत में कहा कि 9 सालों से भारतीय महिला पहलवानों के साथ गलत काम हो रहा है और जब मैंने साल 2017 में इसके खिलाफ आवाज उठाई थी तो मुझे निकाल कर बाहर कर दिया गया था.
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2014 में साई में हुए थे शामिल
परमजीत मलिक ने कहा, "देखिये 2014 में गीता फोगाट के घुटने में चोट लगी थी. सर्जरी कराने के बाद जो पोस्ट थेरेपी होती है. उसके लिए मैं गीता के साथ लखनऊ के साई सेंटर में गया था. वहां पर गीता की थेरेपी कराने के दौरान. जो सीनियर कोच हैं. उन्होंने मुझे साई का परमानेंट फिजियो रख लिया था."
लड़कियों पर बनाया जाता था दबाव
परमजीत ने आगे कहा, "मैं फिर वहां पर रहा और मैंने देखा वहां का माहौल इस तरह से बना रखा था कि कई बच्चों पर मानसिक दबाव बनाया जा रहा था. उन्हें डराया जा रहा था कि फिट नहीं हो और उनके पैरेंट्स तक को कॉल कर देते थे. वो सभी किसी तरह से बच्चों पर काबू करना चाहते थे. वहीं पर धीरेन्द्र करके उस समय एक प्रमुख फिजियों थे. उन्हीं की निगरानी में ये सब होता था. बच्चों को थोड़ी बहुत चोट लगने पर बिना फिटनेस टेस्ट लिए हुए. उन्हें कैंप से बाहर करने की धमकी दी जाती थी."
ब्रज भूषण के घर ले जाते थे लडकियां
उन्होंने आगे कहा, "दूसरी बात ये बोली जाती थी कि हम आपको नेता जी से मिला देंगे. उनके घर पर लेकर चलेंगे. वहां पर कुछ महिला भी शामिल थी. जो अनाधिकारिक रूप से काम करती थी. वो सब ब्रज भूषण के घर पर लेकर जाते थे. उस समय मैंने सीनियर पोस्ट पर कमल सिंह को लिखित तौर पर शिकायत भेजी. साई के डायरेक्टर को भी मैंने शिकायत भेजी थी."
मुझे कैंप से बाहर निकाल दिया
परमजीत ने आगे अपनी आप-बीती बताते हुए कहा, "साल 2014 के आस-पास ही जब तीन से चार महिला पहलवानों ने यौन शोषण के बारे में बताया. उस समय मैंने मीडिया बुलाया और सबको बताया था कि यहां पर गलत काम हो रहा है. मेरी पत्नी सुमन कुंडू भी राष्ट्रीय पहलवान थी और उस समय कैंप का हिस्सा थी. लेकिन इस घटना के अगले ही दिन हमें कैंप से बिना कारण बताए बाहर निकाल दिया गया. इसके बाद आगे ममाले की कोई सुनवाई भी नहीं हुई, जिससे मेरी पत्नी का करियर समाप्त हो गया."
मेरा भी वीडियो बनाया
परमजीत ने आगे कहा, "देखिये कहीं ना कहीं वो इतने स्ट्रोंग हैं और बाहूबली कहे जाते हैं. इसके अलावा सरकार का भी उन्हें समर्थन प्राप्त हैं. जो भी रेसलर यहां बैठे हैं. ये सब ओलिंपिक चैंपियन हैं और इनकी भी एफआईआर नहीं दर्ज हो रही है तो बाकी आप क्या ही कह सकते हैं. जो कमेटी बनी थी. उसने मेरा वीडियो भी रिकॉर्ड किया और कहा कि इसको हम सबके सामने लायेंगे. लेकिन कुछ भी नहीं हुआ."
परमजीत ने कमेटी पर साधा निशाना
जनवरी 2023 में पहलवानों की मांग पर एक कमेटी का गठन किया गया था. उसकी रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए परमजीत ने अंत में कहा, "कमेटी ने कई मामलो को तोड़मरोड़ कर पेश किया है. जैसे की साक्षी जब साल 2016 में क्वालिफाई के लिए जा रही थी. तभी उसके साथ यौन शोषण की घटना घटी. लेकिन कमेटी ने इसको 2015 कर दिया. जिस पर कहा गया कि आप तो उस समय उपस्थित ही नहीं थी. उस समय गीता गई थी. जबकि उसने बात 2016 की बताई है. इस तरह हमारी चीजों को काफी तोड़ मरोड़ के पेश किया जा रहा है."
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