जिम्बाब्वे के पूर्व ऑलराउंडर गाय व्हिटल तेंदुए के हमले में घायल हो गए हैं और चोट लगने के बाद उनके सिर की सर्जरी हुई है. उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. व्हिटल, जिन्होंने 1993 से 2003 के बीच जिम्बाब्वे के लिए 46 टेस्ट और 147 एकदिवसीय मैच खेले, अब हुमानी में अपने परिवार के साथ एक सफारी व्यवसाय चलाते हैं. उनके पालतू कुत्ते, चिकारा ने तेंदुए से लड़ाई की जिसमें वो भी घायल हो गया. हालांकि अंत में जैसे तैसे क्रिकेटर ने कुत्ते की जान बचा ली.
पत्नी के सोशल मीडिया पोस्ट से मिली जानकारी
पूर्व क्रिकेटर की पत्नी हन्ना की फेसबुक पोस्ट के मुताबिक, चोट दो दिन पहले लगी थी जिसके बाद व्हिटल को इलाज के लिए हरारे ले जाया गया था. यह पहली बार नहीं है जब पूर्व क्रिकेटर का इस तरह से किसी जानवर के साथ सामना हुआ है. 11 साल पहले, व्हिटल ने अपने बिस्तर के नीचे आठ फुट के मगरमच्छ के साथ पूरी रात बिताई थी. हालांकि इस दौरान वो बाल बाल बचे थे.
कुत्ते की बदौलत बची जान
व्हिटल, जिन्हें 1997 में न्यूजीलैंड के खिलाफ नाबाद 203 रन के दोहरे शतक के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है उनपर उस दौरान तेंदुए ने हमला किया जब वो ट्रैकिंग के लिए जा रहे थे. हन्ना ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसमें हरारे के मिल्टन पार्क अस्पताल में एयरलिफ्ट किए जाने से पहले व्हिटल को उनके सिर पर पट्टियां लगाए हुए डॉक्टरों के जरिए झाड़ियों में इलाज करते हुए दिखाया गया था. हन्ना ने कहा कि उनका 'बहुत सारा खून बह गया'.
बाद की एक तस्वीर में पूर्व क्रिकेटर को अस्पताल में अपने सिर और हाथों पर पट्टी बांधे हुए थम्ब्स अप करते हुए दिखाया गया और हन्ना ने लिखा कि व्हिटल अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. हन्ना ने कहा कि "वह बहुत भाग्यशाली थे कि चिकारा (पालतू कुत्ता) उनकी मदद करने और तेंदुए को उससे छुड़ाने के लिए वहां मौजूद था, नहीं तो उनकी जान जा सकती थी. व्हिटल ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच मार्च 2003 में वनडे विश्व कप में ब्लोमफोंटेन में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था. बता दें कि व्हिटल इकलौते ऐसे क्रिकेटर हैं जिनका इस तरह जानवरों के साथ सामना हुआ है. मगरमच्छ वाले हमले में भी उनकी जान जा सकती थी लेकिन वो बच गए.
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