भारतीय घरेलू क्रिकेटर्स पर पैसों की बारिश होने वाली है. बीसीसीआई बड़े प्लान के साथ धमाका मचाने की तैयारी कर रही है. बोर्ड जल्द ही प्लेयर्स की सैलेरी को बढ़ा सकती है. क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार अजीत अगरकर की सेलेक्शन कमिटी को इस पर सलाह देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि इस योजना को कैसे लागू किया जा सकता है. हालांकि बढ़ी हुई मैच फीस की तत्काल घोषणा की संभावना नहीं है, मगर नेशनल चयन समिति ने प्रस्ताव पर चर्चा की है. इस प्रस्ताव का उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि जो घरेलू खिलाड़ी आईपीएल का हिस्सा नहीं हैं, उन्हें इसका फायदा मिलें. वो अलग महसूस ना करें.
रिपोर्ट के अनुसाए यदि कोई खिलाड़ी 10 रणजी मैच खेलता है तो उसे 75 लाख से एक करोड़ रुपये तक की सालाना सैलेरी मिलेगी. मौजूदा समय में प्लेयर्स को अनुभव के आधार पर सैलेरी मिलती है. अभी बीसीसीआई 40 से ज्यादा रणजी मैच खेलने वाले प्लेयर्स को हर दिन 60 हजार रुपये की सैलेरी देती है. वहीं 21 से 40 मैच खेल चुके प्लेयर्स को 50 हजार रुपये और 20 मैच खेल चुके प्लेयर्स को 40 हजार रुपये हर दिन देती है. वहीं बाकी कैटेगरी में 30 हजार, 25 हजार और 20 हजार की सैलेरी देती है.
बीसीसीआई का मास्टर प्लान
वहीं फाइनल में पहुंचने वाली टीम के सीनियर खिलाड़ी की 25 लाख रुपये की कमाई होती है, जबकि बाकी के खिलाड़ी 17 से 22 लाख रुपये के बीच कमाते हैं. प्लेयर्स बीसीसीआई के बाकी इवेंट जैसे विजय हजारे और मुश्ताक अली से भी कमाई करेंगे और इसकी भी संभावना है कि अगले सीजन से प्लेयर्स की सैलेरी बढ़ाई जाएगी. बीसीसीआई इसकी योजना बना रहा है कि घरेलू खिलाड़ियों की कमाई कैसे बढ़ाई जाए. बीसीसीआई की योजना का उद्देश्य घरेलू खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए प्रोत्साहित करना है. कुछ खिलाड़ी के खुद को फिट रखने के लिए पिछले सीजन रेड बॉल क्रिकेट से दूर थे, ताकि वे आईपीएल के लिए फिट रह सकें.
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