Varanasi cricket Stadium: वाराणसी में बनने जा रहे नए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में भगवान शिव और काशी की झलक देखने को मिलेगी. इसके शिलान्यास में महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर के जाने की संभावना है. पूर्वांचल के खेल प्रेमियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की सौगात देने 23 सितम्बर को बनारस जाएंगे. इस स्टेडियम में फ्लडलाइट्स त्रिशूल के पैटर्न पर होंगी तो इसका पवेलियन डमरू की डिजाइन में बनाया जाएगा. बताया जाता है कि स्टेडियम के गेट बिल्वपत्र के तरह बनाए जाएंगे. इस क्रिकेट स्टेडियम की छत अर्धचंद्राकार होगी तो फ्लड लाइट त्रिशूलनुमा होगी. 30 हजार लोगों की क्षमता वाले इस क्रिकेट स्टेडियम में बैठने की व्यवस्था गंगा घाट की सीढ़ियों जैसी होगी.
पूर्वांचल के क्रिकेट प्रेमियों को अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच देखने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा. 451 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनने से मैच देखने के साथ ही, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का आधारभूत ढांचा भी तैयार होगा. एक सरकारी बयान के मुताबिक इस परियोजना में उत्तर प्रदेश सरकार ने जमीन अधिग्रहण पर 121 करोड़ रुपये खर्च किए हैं जबकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) 330 करोड़ रुपये खर्च करके स्टेडियम का निर्माण कराएगा.
कहां बनेगा वाराणसी क्रिकेट स्टेडियम
वाराणसी के राजातालाब इलाके के गंजारी गांव में रिंग रोड के पास यह स्टेडियम लगभग 30 महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा. यह क्रिकेट स्टेडियम यूपी का तीसरा और पूर्वांचल का पहला होगा. यूपी के कानपुर में ग्रीन पार्क और लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम पहले से हैं. काशी का स्टेडियम दिसंबर 2025 तक बनकर तैयार होने की संभावना है. इसके लिए 30.86 एकड़ जमीन ली गई.
कौन बना रहा है वाराणसी क्रिकेट स्टेडियम
इस स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बनाया जाएगा. सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह उत्तर प्रदेश का पहला क्रिकेट स्टेडियम होगा जिसका संचालन बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) करेगा. लंबी अवधि की लीज तहत वह हर साल इसके एवज में एक तय रकम भी सरकार को देगा. वाराणसी में विश्वस्तरीय क्रिकेट स्टेडियम का प्रस्ताव पहले से था. समस्या जमीन की थी. पूरी प्रक्रिया में सितंबर 2022 से तेजी आई. 31 काश्तकारों से जमीन खरीदी गयी. स्टेडियम निर्माण का जिम्मा लार्सन एंड टुब्रो यानी एलएंडटी को सौंपा गया है.
ये भी पढ़ें