भारत के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट के बारे में कहा कि यह फॉर्मेट थका देने वाला और चुनौती भरा होता है. इसमें पांच दिन टिके रहना पड़ता है. रोहित शर्मा का यह बयान मई 2025 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद आया है. 38 साल के इस सुपरस्टार क्रिकेटर ने 67 टेस्ट खेले और 40.58 की औसत से 4301 रन बनाए. उन्होंने इस फॉर्मेट में भारत की कप्तानी भी संभाली.
रोहित ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'खेल आपसे लंबे समय तक टिके रहने की मांग करता है और इसी हिसाब से खिलाड़ी तैयारी करते हैं. टेस्ट फॉर्मेट में ऐसा ज्यादा होता है. आपको पांच दिन तक टिके रहना होता है. मानसिक रूप से यह काफी चुनौतीभरा और थका देने वाला होता है. लेकिन सभी क्रिकेटर्स फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हुए बड़े होते हैं. जब हम प्रतिस्पर्धा के स्तर पर क्रिकेट खेलना शुरू करते हैं तब क्लब मैच भी दो या दिन तक खेले जाते हैं इसलिए हम ऐसे ही तैयार होते हैं और हमारे लिए काफी उम्र में इसका आगाज हो जाता है. इससे आप अपने सामने आने वाली स्थितियों के हिसाब से तैयार हो जाते हैं.'
रोहित बोले- अच्छी तैयारी का महत्व धीरे-धीरे समझ आता है
रोहित ने कहा कि खिलाड़ी जब खेलना शुरू करते हैं तब वे अच्छी तैयारी के महत्व को नहीं समझते हैं लेकिन धीरे-धीरे इसे सीखते हैं. उन्होंने कहा, 'जब मैंने यह खेल शुरू किया था तो केवल आनंद लेने पर ध्यान था. जैसे आप आगे जाते हैं तो एज लेवल क्रिकेट खेलते हैं और उससे आगे बढ़ते जाते हैं. धीरे-धीरे आप सीनियर खिलाड़ियों और कोचेज से मिलते हैं, वे अच्छी तैयारी की जरूरत के बारे में बताते हैं. जब आप छोटे होते हैं तो तैयारी की अहमियत नहीं समझते हैं. लेकिन आगे जाने के साथ समझते हैं. इससे आपके खेल में अनुशासन आता है इसलिए यह तैयारी से शुरू होता है.'