साउथ अफ्रीका के जोशुआ वान हीरडन पहले ऐसे क्रिकेटर बन गए जो आईसीसी के इंजरी सब्सटीट्यूट ट्रायल के तहत रिप्लेसमेंट खिलाड़ी बने. क्रिकेट साउथ अफ्रीका के घरेलू फर्स्ट क्लास टूर्नामेंट के दौरान उन्होंने एडवर्ड मूर को रिप्लेस किया. हीरडन वेस्टर्न प्रोविंस के खेलते हैं और लॉयंस के खिलाफ मुकाबले में वह इंजरी रिप्लेसमेंट के तौर पर उतरे. मूर को मुकाबले के दूसरे दिन फील्डिंग के दौरान बाएं पैर की जांघ की मांसपेशियों में चोट लगी. इसके चलते वह आगे नहीं खेल पाए.
आईसीसी ने हाल ही में इंजरी रिप्लेसमेंट का ट्रायल शुरू किया था. उसने सभी सदस्य बोर्ड से कहा था कि वह घरेलू क्रिकेट से इसका आगाज करे. साउथ अफ्रीका के अलावा भारत ने दलीप ट्रॉफी व रणजी ट्रॉफी और ऑस्ट्रेलिया ने शेफील्ड शील्ड के जरिए इसकी शुरुआत की.
इंजरी रिप्लेसमेंट ट्रायल क्यों शुरू हुआ
भारत और इंग्लैंड के बीच जून-अगस्त के बीच हुई पांच टेस्ट की सीरीज में देखा गया था कि बाहरी चोट लगने पर भी खिलाड़ी का रिप्लेसमेंट नहीं मिला था. इसके तहत ऋषभ पंत को पैर में फ्रेक्चर का सामना करना पड़ा और उन्हें बैटिंग को आना पड़ा. वहीं इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वॉक्स का कंधा उतर गया फिर भी खेलना पड़ा था.
इंटरनेशनल क्रिकेट में अभी रिप्लेसमेंट कब मिलता है
इंटरनेशनल क्रिकेट में अभी इंजरी रिप्लेसमेंट की सुविधा नहीं है. केवल कन्कशन होने पर ही रिप्लेसमेंट मिलता है.
ऑस्ट्रेलिया और भारत ने इंजरी रिप्लेसमेंट पर क्या नियम बनाए
वहीं ऑस्ट्रेलिया ने फर्स्ट क्लास मैच में दूसरे दिन के खेल तक ही रिप्लेसमेंट देने का फैसला किया है. साथ ही चोटिल खिलाड़ी को कम से कम 12 दिन तक खेल से दूर रहना होगा. भारतीय बोर्ड ने अभी केवल बाहरी चोट पर ही रिप्लेसमेंट देने का फैसला किया है. तीनों ही देशों में अभी केवल एक से अधिक दिन के मैचों में ही ट्रायल लागू किया गया है.
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