एशिया कप में बदलाव की मांग, 6 टीमें और वर्ल्ड कप फॉर्मेट का सुझाव
एशिया कप को लेकर चर्चा में बताया गया कि यह टूर्नामेंट नीरस और एकतरफा रहा है. दुबई और अबू धाबी में मैचों के दौरान स्टेडियम खाली दिखे, जिससे क्रिकेट के लिए यह एक खराब विज्ञापन बन गया है. चर्चा में कहा गया कि हांगकांग, ओमान और यूएई जैसी टीमों के शामिल होने से टूर्नामेंट की गुणवत्ता कम हुई है. एक वक्ता ने कहा, "इस क्रिकेट को मैं क्या नाम दूँ?" सुझाव दिया गया कि एशिया कप को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए टीमों की संख्या सीमित की जानी चाहिए. 1984 में शुरू हुए एशिया कप में पहले तीन टीमें थीं. अब यह विचार है कि भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसी शीर्ष एशियाई टीमों के साथ एक क्वालीफायर टीम को शामिल कर कुल छह टीमें हों. यह भी सुझाव दिया गया कि टूर्नामेंट को एकदिवसीय विश्व कप के प्रारूप पर आयोजित किया जा सकता है, जिसमें सभी टीमें एक-दूसरे से खेलें और फिर एक फाइनल हो, ताकि गुणवत्तापूर्ण क्रिकेट देखने को मिले और खेल को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा मिल सके.