'इन लोगों का दिमाग खराब हो गया है, इनका क्रिकेट कुछ नहीं', पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने ये क्या कह दिया

साल 2022 एशिया कप (Asia Cup) अब तक शानदार रहा है जहां रविवार को श्रीलंका और पाकिस्तान (SL and PAK) के बीच फाइनल मुकाबला खेला जाना है.

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साल 2022 एशिया कप (Asia Cup) अब तक शानदार रहा है जहां रविवार को श्रीलंका और पाकिस्तान (SL and PAK) के बीच फाइनल मुकाबला खेला जाना है. लेकिन अब तक इस टूर्नामेंट में कई धांसू मुकाबले हुए हैं. इसमें श्रीलंका- बांग्लादेश, भारत- पाकिस्तान, श्रीलंका- भारत के मकुाबले शामिल हैं. लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ा झटका तब लगा जब टीम इंडिया टूर्नामेंट से नॉकआउट हो गई. वहीं एक मुकाबला ऐसा भी था जिसपर काफी ज्यादा विवाद हुआ था.

 

हम यहां पाकिस्तान और अफगानिस्तान मुकाबले की बात कर रहे हैं. दोनों टीमों ने कमाल का खेल दिखाया था लेकिन मैच आखिरी ओवर तक चला गया था. हालांकि अंत में पाकिस्तान की टीम ने ये मुकाबला 1 विकेट से अपने नाम कर लिया. पाकिस्तान की तरफ से पेसर नसीम शाह ने कमाल का खेल दिखाया और दो गेंदों पर दो छक्के जड़ टीम को जीत दिला दी.

 

हार के बाद अफगानिस्तान टीम के एक्शन पर अब कई लोग सवाल उठा रहे हैं. इसमें अब पाकिस्तान के लेजेंड्री कप्तान रहे जावेद मियांदाद का भी नाम जुड़ चुका है. शारजाह में बुधवार को खेले गए एशिया कप के मैच में पाकिस्तान के आसिफ अली गुस्से में नजर आए थे. उन्होंने अफगानिस्तान के पेसर फरीद अहमद के सामने अपना बल्ला उठा लिया था. ऐसा लगा कि अगर बीच-बचाव ना किया जाता तो शायद दोनों में मैदान पर ही लड़ाई हो जाती.

 

अफगानिस्तान का दिमाग खराब हो गया है
पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज जावेद मियांदाद ने इस पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने एक यूट्यूब चैनल से कहा, ‘पाकिस्तान ने अच्छा खेल दिखाया, लेकिन मैं अफगानिस्तान से निराश हूं. सिर्फ इसलिए कि उनका व्यवहार आजकल बहुत खराब है. हम उन्हें दुनिया के सामने लेकर लाए, वे पाकिस्तान में प्रैक्टिस करते थे और अब उनकी भाषा देखिए. वे कितने साल के हैं? उन्होंने इतना क्रिकेट नहीं खेला है, क्या उनका दिमाग खराब हो गया है?’

 

मियांदाद ने आगे कहा, ‘अफगानिस्तान के खिलाड़ियों ने पाकिस्तान में आकर क्रिकेट सीखा. मैं इसका गवाह हूं क्योंकि मैंने कई खिलाड़ियों को कोचिंग दी. अब मैं यह देखकर हैरान था कि उन्होंने कैसा व्यवहार किया. आपका क्रिकेट कुछ भी नहीं है. अगर टीम खेलना नहीं चाहती, तो इससे इनकार किया जा सकता है. जुमां-जुमां 8 दिन के तो बच्चे हैं. आईसीसी को भी आचार संहिता के उल्लंघन को देखना चाहिए.’ दोनों खिलाड़ियों पर सजा के तौर पर मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया था.

 

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