एशिया कप 2023 (Asia Cup 2023) को लेकर चल रहा बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. टूर्नामेंट के आयोजन के हाइब्रिड मॉडल को मंजूरी मिलने के बाद अब पाकिस्तान नया बखेड़ा खड़ा कर सकता है. खबर है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (Pakistan Cricket Board) पाकिस्तान में एशिया कप के चार से अधिक मैचों के आयोजन की मांग करेगा. यह मांग रविवार (16 जुलाई) को दुबई में होने वाली एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) की बैठक में की जाएगी. पाकिस्तानी बोर्ड केवल चार मैचों की मेजबानी से खुश नहीं है. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और पीसीबी सहित एसीसी के सभी सदस्य देशों ने एशिया कप के लिए ‘हाइब्रिड मॉडल’ स्वीकार कर लिया था. इसके बाद एसीसी ने घोषणा की थी कि 31 अगस्त से 17 सितंबर के बीच खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट के चार मैच पाकिस्तान में जबकि नौ मैच श्रीलंका में खेले जाएंगे.
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‘हाइब्रिड मॉडल’ का प्रस्ताव इसलिए रखा गया क्योंकि बीसीसीआई ने स्पष्ट कर दिया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए वह अपनी टीम को पाकिस्तान नहीं भेजेगा. पीसीबी क्रिकेट समिति के नए अध्यक्ष जका अशरफ ने हालांकि इस सप्ताह के शुरू में आईसीसी बैठक के लिए डरबन में मौजूद एसीसी सदस्य बोर्ड के अधिकारियों के सामने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे. जब एशिया कप की तिथियों की घोषणा की गई तब अशरफ इस पद पर नहीं थे. एशिया कप का अभी संपूर्ण कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है लेकिन पाकिस्तान को अधिक मैचों की मेजबानी मिलने की संभावना कम है.
किस बहाने से ज्यादा मैचों की होगी मांग
समाचार एजेंसी पीटीआई से पीसीबी के सूत्रों ने कहा, ‘पाकिस्तान एसीसी की बैठक में यह मुद्दा उठाएगा कि श्रीलंका में बारिश का मौसम होने के कारण पाकिस्तान को चार से अधिक मैचों की मेजबानी सौंपी जानी चाहिए.’ एसीसी की बैठक में एशिया कप के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा. ‘हाइब्रिड मॉडल’ का प्रस्ताव पीसीबी की क्रिकेट प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नजम सेठी ने रखा था और इसे भारत सहित एसीसी के सदस्यों ने स्वीकार किया था. पीसीबी की क्रिकेट प्रबंधन समिति को बाद में भंग कर दिया गया था.
क्या चाहते हैं पीसीबी के नए मुखिया
भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले दोनों मैचों का आयोजन दांबुला में हो सकता है. सूत्रों के अनुसार जका अशरफ लाहौर के अलावा मुल्तान सहित अन्य जगहों पर भी एशिया कप के मैचों का आयोजन कराना चाहते हैं. पीसीबी के अधिकारियों को विश्वास है कि उन्हें अधिक मैचों के आयोजन का मौका मिलेगा. इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल की टीम भाग लेंगी.
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