(Border Gavaskar Series) खत्म हो चुकी है और भारत (India) ने सीरीज पर 2-1 से कब्जा कर लिया है. अहमदाबाद में खेले गए सीरीज के आखिरी मुकाबले में दोनों टीमों के बल्लेबाजों ने मिलकर 1000 से ज्यादा रन बना दिए जहां अंत में दोनों टीमों के कप्तानों ने हाथ मिलाकर मैच को ड्रॉ करवा दिया. ऑस्ट्रेलिया के 480 रन के जवाब में भारतीय टीम ने 571 रन ठोके. भारत की तरफ से सबसे अहम योगदान विराट कोहली और शुभमन गिल का रहा. दोनों ने अपने अपने शतक पूरे किए लेकिन विराट अंत में अपने दोहरे शतक से चूक गए. कोहली ने इस दौरान अपने टेस्ट करियर का 28वां शतक लगाया.
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लय की तलाश में था: विराट कोहली
इस शतक के साथ कोहली ने अपने इंटरनेशनल करियर में कुल 75 शतक पूरे कर लिए हैं. कोहली ने ये कारनामा 552 पारी में की जबकि तेंदुलकर को ऐसा करने में 14 और पारियों का सहारा लेना पड़ा था. इसके अलावा कोहली सबसे ज्यादा शतक लगाने के मामले में दूसरे नंबर पर हैं. हालांकि कोहली कैसे इस शतक तक पहुंचे और वो अपनी बल्लेबाजी में क्या मिस कर रहे थे. विराट ने मैच के बाद अपनी बात रखी.
विराट ने मैच के बाद कहा कि, खुद को लेकर जो मैं उम्मीद करता हूं वो मेरे लिए बेहद जरूरी है. मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट में पिछले 10 सालों से जिस लय के साथ मैं खेल रहा था. उस लय को पिछले कुछ समय से बरकरार नहीं रख पा रहा था. इसलिए मैं कोशिश कर रहा था कि मैं अपनी लय वापस हासिल करूं. मुझे लगा कि नागपुर की पहली पारी में मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था. लेकिन उस दौरान हमने टीम पर ज्यादा फोकस किया था. मैं निराश था लेकिन मुझे भरोसा भी था कि मैं अच्छा खेल रहा हूं और अगर मुझे अच्छी पिच मिलेगी तो मैं रन बनाऊंगा और बड़ा स्कोर करूंगा.
बता दें कि विराट कोहली के टेस्ट करियर का दूसरा सबसे धीमा शतक था. विराट ने 241 गेंद पर अपना शतक पूरा किया. कोहली ने इससे पहले साल 2012 में सबसे धीमा शतक ठोका था. उस दौरान उन्होंने 289 गेंदों का सहारा लिया था. विराट ने इससे पहले आखिरी बार साल 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ शतक लगाया था.
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