बेन स्टोक्स जिस नियम को हटाने की कर रहे थे मांग उसने किया टीम इंडिया का कबाड़ा, भारत के 4 बल्लेबाज बने शिकार, टेस्ट इतिहास में सबसे ज्यादा

भारत और इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में अंपायर्स कॉल को लेकर काफी विवाद हुआ है. इंग्लिश टीम के कप्तान बेन स्टोक्स तो इसे समाप्त करने की मांग कर चुके हैं.

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Shakti Shekhawat

इंग्लैंड ने रांची टेस्ट की पहली पारी में भारत के चार विकेट अंपायर्स कॉल पर लिए.

इंग्लैंड ने रांची टेस्ट की पहली पारी में भारत के चार विकेट अंपायर्स कॉल पर लिए.

Highlights:

रांची टेस्ट में भारत के चार बल्लेबाज एलबीडब्ल्यू हुए और चारों अंपायर्स कॉल पर आउट दिए गए.

भारतीय टीम को बैटिंग के दौरान अंपायर्स कॉल के चलते डीआरएस से बचाव नहीं मिला.

भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ रांची टेस्ट में चार विकेट एलबीडब्ल्यू के जरिए गंवाए. ये चारों विकेट इंग्लिश ऑफ स्पिनर शोएब बशीर को मिले. दिलचस्प बात यह रही कि चारों एलबीडब्ल्यू पर भारतीय बल्लेबाजों ने डीआरएस लिया और हर बार अंपायर्स कॉल के जरिए इंग्लैंड को विकेट मिला. टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी टीम ने एक पारी में चार बल्लेबाजों के विकेट अंपायर्स कॉल के चलते गंवाए हैं. इससे पहले तीन विकेट का रिकॉर्ड था और तब भी भारतीय टीम शामिल रही थी. 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में भारत के तीन बल्लेबाज अंपायर्स कॉल पर आउट दिए गए थे.

 

रांची टेस्ट से पहले इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने अंपायर्स कॉल को हटाने की मांग की थी. उन्होंने राजकोट में जैक क्रॉली को अंपायर्स कॉल पर आउट दिए जाने के बाद इस नियम पर गंभीर सवाल उठाए थे. तीसरा टेस्ट हारने के बाद स्टोक्स और इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैक्कलम ने मैच रेफरी जैफ क्रो से क्रॉली को आउट दिए जाने पर बात की थी. उन्हें जवाब मिला था कि हॉक आई प्रोजेक्शन सही था लेकिन फ्रेम दिखाने में गलती हुई. ऐसा ही विवाद दूसरे टेस्ट में क्रॉली को कुलदीप यादव की गेंद पर आउट दिए जाने के बाद भी हुआ था.

 

 

रांची टेस्ट में कौनसे भारतीय खिलाड़ी अंपायर्स कॉल के शिकार बने

 

रांची में भारत के शुभमन गिल, रजत पाटीदार, आर अश्विन और आकाश दीप एलबीडब्ल्यू दिए गए. इन चारों ने रिव्यू किया और हर बार अंपायर्स कॉल इंग्लिश टीम के पक्ष में गई. चारों विकेट बशीर को मिले जिन्होंने इस मैच में पांच विकेट लिए. यह टेस्ट करियर का उनका पहला पांच विकेट हॉल रहा.

 

 

अंपायर्स कॉल की शिकायतें बढ़ीं

 

पिछले साल-डेढ़ साल में अंपायर्स कॉल को लेकर विवाद बढ़ा है. अलग-अलग टीमों के कप्तानों और खिलाड़ियों ने अलग-अलग समय पर इसके बारे में नाखुशी जाहिर की की. ये मौके इंटरनेशनल क्रिकेट से लेकर टी20 लीग्स में सामने आए हैं. हाल में पाकिस्तान सुपर लीग में भी ऐसा विवाद हुआ था जहां पर हॉक आई ने पीसीबी से गलत प्रोजेक्शन दिखाने पर माफी मांगी थी.

 

क्या है अंपायर्स कॉल

 

अंपायर्स कॉल डीआरएस में मैदानी अंपायर को फैसला लेने में संदेह का फायदा देती है. गेंद का 50 फीसदी हिस्सा स्टंप्स पर लगने पर मैदानी अंपायर की कॉल ही मान्य होती है. अगर कोई बल्लेबाज एलबीडब्ल्यू दिया जाता है और वह डीआरएस लेता है तो थर्ड अंपायर रिप्ले देखता है. इसमें गेंद अगर स्टंप्स को छूकर जा रही होती है तो उसे अंपायर्स कॉल माना जाता है और बल्लेबाज आउट ही रहता है. अगर मैदानी अंपायर गेंद के छूकर जाने पर एलबीडब्ल्यू नहीं देता है तो भी उसका फैसला सही होता है. यह नियम 1 अक्टूबर 2016 से लागू हुआ था. इससे पहले गेंद का 50 फीसदी हिस्से के स्टंप्स के 50 प्रतिशत हिस्से को हिट करने पर ही आउट दिया जाता है. 

 

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