ओवल का जो मैदान गेंदबाजों के लिए स्वर्ग बताया जा रहा था. उसकी परिभाषा के विपरीत ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने क्रीज पर खूंटा अगड़कर बल्लेबाजी करते हुए इसे बल्लेबाजी का किला बना डाला. पिच पर हरी घास देखकर टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने जहां चार तेज गेंदबाजों को शामिल किया. उनका सामना करते हुए ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड ने करारा जवाब दिया है. हेड के शतक जड़ने के बाद अब स्टीव स्मिथ ने भी पहले दिन बल्ले से जलवा दिखाया और टेस्ट क्रिकेट के मूल मंत्र संयम, कौशल और तकनीक का सही इस्तेमाल करते हुए पहले दिन के अंत तक 95 रनों की नाबाद पारी खेली. जिससे स्मिथ और हेड की जोड़ी ने एक बड़ा इतिहास रच डाला है.
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स्मिथ और हेड की जोड़ी का बड़ा करिश्मा
भारत ने टॉस जीतने के बाद बेहतरीन शुरुआत की और 76 रन के स्कोर पर ऑस्ट्रेलिया के तीन विकेट चटका डाले थे. मगर इसके बाद हेड जहां डब्ल्यूटीसी फाइनल में शतक जड़ने वाले पहले बल्लेबाज बने. उसके बाद स्मिथ ने भी जुझारू पारी खेलते हुए 227 गेंदों 14 चौके से 95 रनों की नाबाद पारी खेली. जिससे स्मिथ और हेड के बीच चौथे विकेट के लिए डब्ल्यूटीसी फाइनल में विशाल 251 रनों की अविजित साझेदारी हुई और इस साझेदारी से उनके नाम बड़ा रिकॉर्ड जुड़ गया. अब स्मिथ और हेड के बीच आईसीसी के किसी फाइनल में होने वाली ये सबसे बड़ी साझेदारी बन गई है. इससे पहले साल 2003 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में रिकी पोंटिंग और डेमिन मार्टिन के बीच 234 रनों की दाझेदारी हुई थी. जिसको हेड और स्मिथ की जोड़ी ने पछाड़ दिया है. जबकि डब्ल्यूटीसी फाइनल में भी ये अभी तक की सबसे विशाल साझेदारी बन गई है.
ऑस्ट्रेलिया ने ठोके 327 रन
वहीं मैच की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया ने 76 रन पर तीन विकेट खोने के बाद हेड और स्मिथ की बल्लेबाजी से दमदार पलटवार किया. दिन के दूसरे सेशन से वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने अंत तक अपना एक भी विकेट नहीं नहीं गंवाया और तीन विकेट पर पहले दिन के अंत तक 327 रन बना डाले. जिससे टीम इंडिया पहले दिन ही टॉस जीतकर गेंदबाजी लेने के बाद बैकफुट पर चली गई है. भारत को टेस्ट मैच में वापसी करनी है तो अब बल्लेबाजी में दमखम दिखाना होगा.
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