IND vs AUS : भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ टेस्ट मैच के दौरान टीम इंडिया जहां पहली पारी में 150 रन ही बना सकी. इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम के बल्लेबाज भी कुछ कमाल नहीं कर सके और उनकी पूरी टीम 104 रन पर ही ढेर हो गई. ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज जब अपने घर में नहीं खेल सके तो पर्थ टेस्ट मैच में इस्तेमाल होने वाली गेंद पर सवाल उठने लगा. इस गेंद को लेकर आरोन फिंच, ग्रेग ब्लेवेट और जेम्स ब्रेशॉ ने बड़ा खुलासा किया.
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रेड कूकाबुरा बॉल में क्या हुआ बदलाव ?
ऑस्ट्रेलियाई टीम के ऑलआउट होने के बाद पर्थ टेस्ट मैच में कमेंट्री के दौरान ऑस्ट्रेलिया में इस्तेमाल होने वाली रेड कूकाबुरा को लेकर बड़ा खुलासा किया. पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर जेम्स ब्रेशॉ ने रेड बॉल को लेकर कहा कि जबसे पिछले चार सालों से नई कूकाबुरा बॉल का इस्तेमाल हुआ है, तबसे ये गेंद काफी हार्ड और चमकदार हो गई है, जबकि इसकी सीम भी काफी हार्ड है. जिससे पिछले चार सालों में देखें तो ऑस्ट्रेलिया का बल्लेबाजी औसत 10 के करीब गिर गया है. यानि क्या गेंद के चलते बैटिंग करने में दिक्कत आ रही है.
जेम्स के सवाल पर ग्रेग ने कहा,
साल 2016 से लेकर साल 2020 तक ऑस्ट्रेलिया का टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी औसत 44 का था. लेकिन अब ये घटकर 34 के करीब आ गया है. इस तरह गेंद के बदलने से काफी अधिक बदलाव हुआ है.
वहीं कमेंट्री में बैठे पूर्व ऑस्ट्रेलीयाई खिलाड़ी एरोन फिंच ने आगे कहा,
पहले की जो रेड कूकाबुरा बॉल थी वो ऑस्ट्रेलिया की हार्ड पिच पर मैच के दौरान जल्दी सॉफ्ट हो जाती थी. जिससे बाद में रन बनाना थोड़ा आसान हो जाता था. लेकिन विवाद खड़ा हुआ कि ये बॉल सही नहीं है. इसमें बदलाव हुआ और अब ये बॉल काफी देर तक हार्ड बनी रहती है. इसमें एक अतिरिक्त लेयर भी लगाई गई है. जिससे गेंद में चमक भी बनी रहती है. मेरे ख्याल से यही कारण है कि खेलना थोड़ा कठिन हो गया है.
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