शुभमन गिल की कप्तानी वाली टेस्ट टीम इंडिया जहां इंग्लैंड जा चुकी है. वहीं भारत और इंग्लैंड के बीच इंग्लैंड में खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज का नाम पटौदी ट्रॉफी से बदलकर अब तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी कर दिया गया है. जबकि इंग्लैंड की टीम जब भारत में टेस्ट सीरीज खेलने आती है तो फिर उसे एंथनी डी मेलो ट्रॉफी के नाम से जाना जाता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि कौन हैं एंथनी डी मेलो जिनके नाम से जानी जाती है टेस्ट सीरीज.
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भारत दौरे पर इंग्लैंड कौन सी सीरीज खेलती है
इंग्लैंड की टीम जब भी भारत दौरे पर आती है तो इस दौरान टेस्ट सीरीज वाली ट्रॉफी का नाम एंथनी डी मेलो रखा गया. इसकी शुरुआत साल 1951 में हुई थी, जब इंग्लैंड ने भारत का दौरा किया था. अभी तक 14 बार इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर आ चुकी है और 10 बार ये सीरीज टीम इंडिया अपने नाम कर चुकी है. वहीं इंग्लैंड की टीम अभी तक भारत में तीन बार एंथनी डी मेलो ट्रॉफी जीत चुकी है और पिछली बार साल 2012-13 में इसे जीता था.
कौन है एंथनी डी मेलो ?
एंथनी डी मेलो की बात करें तो वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानि बीसीसीआई के फाउन्डिंग मेंबर में से एक हैं. उन्होंने घरेलू क्रिकेट खेला और बीसीसीआई को स्थापित करने में अहम रोल अदा किया था. एंथनी डी मेलो का नाम कराची में 1900 में हुआ और इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से डिग्री ली थी. एंथनी डी मेलो ने 11 फर्स्ट क्लास मैचों में 82 रन बनाए और 17 विकेट झटके. 66 रन देकर छह विकेट उनका बेस्ट प्रदर्शन रहा. साल 1928 में जब दिल्ली के रोशनआरा क्लब में बीसीसीआई की शुरुआत हुई तब गोवन पहले प्रेसीडेंट बने तो डी मेलो पहले सेक्रेटरी बने थे. 1928-29 से 1937-38 तक बीसीसीआई सेक्रेटरी रहे. इसके बाद 1946-47 से 1950-51 के बीच अध्यक्ष बने और 1954 में ही उन्होंने नेशनल चैंपियनशिप का प्रस्ताव रखा और यही टूर्नामेंट आगे जाकर रणजी ट्रॉफी बना.
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