स्पोर्ट्स तक पर इस वक्त ऋषभ पंत के प्रदर्शन की चर्चा हो रही है। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में ऋषभ पंत के पैर में चोट लगी थी और उन्हें माइनर फ्रैक्चर बताया गया था। इसके बावजूद, ऋषभ पंत दोबारा बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने अर्धशतक लगाया। इस घटना ने उन भारतीय खिलाड़ियों की याद दिला दी जिन्होंने चोटिल होने के बावजूद मैदान पर अपना प्रदर्शन जारी रखा। 1981 के मेलबर्न टेस्ट में कपिल देव ने हैमस्ट्रिंग चोट के बावजूद इंजेक्शन लेकर गेंदबाजी की और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महत्वपूर्ण विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई। अनिल कुंबले ने 2002 के एंटीगा टेस्ट में टूटे जबड़े के साथ 14 ओवर गेंदबाजी की और ब्रायन लारा का विकेट लिया। 2019 विश्व कप में शिखर धवन ने अंगूठे में फ्रैक्चर के बावजूद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 117 रन बनाए। हनुमा विहारी ने 2021 के सिडनी टेस्ट में हैमस्ट्रिंग चोट के साथ 161 गेंदें खेलीं और मैच ड्रॉ कराया। युवराज सिंह ने 2011 विश्व कप में वेस्टइंडीज के खिलाफ खून की उल्टी करने के बावजूद शतक जड़ा था। उन्होंने कहा था, "मैं चाहे यहाँ पे एम्बुलेंस आ जाए, मुझे एम्बुलेंस को बुला लेना और यहाँ से मुझे एम्बुलेंस में ले जाना, लेकिन जब तक मैं आज सेंचुरी नहीं मार देता, मैं यहाँ से नहीं जाऊंगा।"
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