नई दिल्ली। पिछले साल 2021 में विराट कोहली ने जैसे ही टीम इंडिया की टी20 कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया था. उसके बाद से भारतीय क्रिकेट काफी उथल-पुथल का दौर जारी रहा. कोहली के टी20 कप्तानी छोड़ने के बाद जहां बीसीसीआई ने उनसे वनडे कप्तानी छीन ली तो साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज हारने के बाद उन्होंने सभी को चौंकाते हुए टेस्ट टीम इंडिया की कप्तानी भी छोड़ दी. इस तरह कोहली के टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद सोशल मीडिया में कोहली के फैंस बीसीसीआई को तो कई लोग कोहली को ट्रोल कर रहे हैं. इसी बीच भारत के पूर्व खिलाड़ी और चयनकर्ता किरण मोरे का मानना है कि विराट कोहली मेरे लिए एक लीजेंड खिलाड़ी है और जो कुछ भी हुआ है. उसमें उसके साथ सही व्यवहार नहीं हुआ.
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कोहली के साथ गलत व्यवहार
किरण मोरे ने कोहली के बारे में न्यूज़ 18 से ख़ास बातचीत में कहा, “जिस तरह से उसने कप्तानी छोड़ी वह तरीका काफी दुखद लगा. जिस तरह से लोगों ने उनके साथ व्यवहार किया है इसमें मैं बीसीसीआई की बात नहीं कर रहा हूं. मगर उनकी आलोचना करना उचित नहीं था. उन्होंने काफी क्रिकेट खेली है, उन्होंने भारत के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है. उनमें काबिलियत थी और शानदार तरीके से क्रिकेट के तीनो प्रारूप में खेला. उन्होंने हमेशा वह किरदार दिखाया जिसे वह जीतना चाहते थे.”
मोरे ने कोहली के बारे में आगे कहा, "हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह विश्व कप विजेता (2011) है. उन्होंने 70 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाए हैं और एक विशेष खिलाड़ी हैं. जिस तरह से लोग उनके बारे में बात कर रहे थे और जिस तरह से उनकी कप्तानी की आलोचना की गई थी, उससे मैं निराश हूं. मेरे लिए वह लीजेंड हैं. प्रदर्शन के लिहाज से हम उसे छू नहीं सकते. मुझे उनके टी20 या वनडे कप्तानी छोड़ने की चिंता नहीं है. वह जीवन का हिस्सा है. जिस तरह से लोग उनकी आलोचना कर रहे थे वह अच्छा नहीं था."
बता दें कि कोहली ने टेस्ट टीम इंडिया की कप्तानी साल 2014 में महेंद्र सिंह धोनी के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद संभाली थी. उस समय टीम इंडिया आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर 7 पर थी और जब कोहली ने कप्तानी छोड़ी तब टीम इंडिया आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक पायदान पार काबिज थी. इस तरह शानदार कप्तानी के बावजूद कोहली के टेस्ट कप्तानी के छोड़ने के बारे में मोरे ने अंत में कहा, "कप्तानी छोड़ना आसान नहीं वह तीनों प्रारूपों में कप्तान थे. उन्होंने निश्चित रूप से अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करने और देश के लिए मैच जीतने का फैसला किया होगा. उन्होंने 70 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने के लिए हमेशा स्वतंत्र रूप से खेला है. हर कप्तान के जीवन में आगे बढ़ने का समय आता है. हर कप्तान इसे महसूस करता है और शायद अब उसने भी इसे महसूस किया है."
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